DJ की धुन पर रैली निकाल पहुंचे थाने, नवीन हत्याकांड में पुलिस पर सवाल, कहा- दोषियों को बचा रहे

बिलासपुर : में नवीन महादेवा हत्याकांड को लेकर अब हिंदूवादी संगठन खुलकर सामने आ गया है। मंगलवार को बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने का घेराव कर हत्याकांड के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाए। हत्या के इस घटना में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
डीजे की धुन पर रैली के साथ हिंदू संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए,सिविल लाइन थाना पहुंचे। इस दौरान पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया। आरोप है कि बिलासपुर पुलिस सामाजिक विवाद को दो पक्षों का विवाद बताकर कार्रवाई की खानापूर्ति कर ली। पदाधिकारियों का कहना है कि 25-30 लोगों ने मिलकर षडयंत्र पूर्वक नाबालिग की हत्या को वारदात को अंजाम दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि इसमें कौन-कौन शामिल थे और हत्या कौन कराया है। यह सब पुलिस अफसरों को पता है। लेकिन, पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाए संरक्षण देने का काम कर रही है।
सहयोगी बने पुलिसकर्मी
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने भी हत्या से जुड़े अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया है। इस गैंगवार को दो पक्षों का मामूली विवाद बताया गया और षडयंत्र करने वाले मुख्य आरोपियों को छोड़ दिया गया। ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
कब हुई थी नवीन हत्याकांड
बीते 25 फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब शहर प्रवास पर थे। तभी दोपहर तीन बजे सिविल लाइन क्षेत्र के तालापारा के समता कॉलोनी गार्डन के पास 25-30 लड़कों ने मिलकर नाबालिग नवीन महादेवा पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस दौरान बीच बचाव करने वाले उदय चक्रवर्ती भी गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हमले में नवीन की मौत हो गई और उदय को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने उदय का मजिस्ट्रिय बयान दर्ज कराया है, जिसमें उसने NSUI नेता वसीम खान पर हत्या कराने का आरोप लगाया है। इसके बाद भी पुलिस गैंगवार और हत्या के इस मामले की जांच में मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। पुलिस ने अब तक हत्या के इस मामले में 9 नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एक सप्ताह में नहीं हुई गिरफ्तारी, तो उग्र आंदोलन
संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा क नवीन महादेवा हत्याकांड के हत्यारों को एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। साथ ही एसपी दफ्तर का घेराव करने की बात कही है।