छत्तीसगढ़ स्पेशलरायपुर जिला

छत्तीसगढ़ में किसानों ने मांगी नकद खाद:मंत्रालय पहुंचकर कहा- जिन्होंने सहकारी समितियों से कर्ज नहीं लिया उनके लिए भी हो व्यवस्था, कालाबाजारी रुकेगी

छत्तीसगढ़ के किसानों ने सहकारी समितियों के जरिए अऋणी किसानों को नकद खाद दिलाने की मांग की है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ और संयुक्त किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय पहुंचकर यह यह मांग उठाई है। किसानों ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह और राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक के.एन. कांडे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के नाम एक मांगपत्र भी सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल तेजराम विद्रोही ने बताया, छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग दो हजार सहकारी समितियां है। जहां तकरीबन 24 लाख 6 हजार 560 किसान पंजीकृत है। इनमें से लगभग 60% किसान सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण लेते हैं। उन्हें इस ऋण का 60% प्रतिशत नगद और 40% खाद-बीज के रूप में मिलता है। लेकिन 40% किसान अन्य बैंकों के माध्यम से नकद ऋण लेकर निजी दुकानों से खाद-बीज खरीदते हैं। अभी प्रदेश में खरीफ की रकबा लगभग 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर और रबी का रकबा 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर है ।

यानी खरीफ के लिए औसतन एक करोड़ 50 लाख 54 हजार 400 बोरी यूरिया, 2 करोड़ 40 लाख 87 हजार 40 बोरी डीएपी और 60 लाख 21 हजार 760 बोरी पोटाश की आवश्यकता होती है। वहीं रबी के लिए 92 लाख 50 हजार बोरी यूरिया, एक करोड़ 48 लाख बोरी डीएपी और 37 लाख बोरी पोटाश की जरूरत पड़ती है।

प्रदेश में खाद की किल्लत है, ऐसे में अब खुले बाजार से खाद खरीदने वाले किसानों को यह खाद अधिक कीमत पर मिल रही है। किसान नेताओं का कहना था, सहकारी समितियों में ऋणी किसानों के अलावा अऋणी किसानों को भी नकद खाद मिलने लगे तो खाद की जमाखोरी और कालाबजारी पर रोक लगेगी। इससे सभी किसानों को वाजिब दामों पर खाद उपलब्ध हो सकेगा।

2600 मीट्रिक टन यूरिया का नया रैक पहुंचा
इस बीच WGCRकापा रैक पाइंट पर यूरिया की नई रैक पहुंची है। इसमें 2600 मीट्रिक टन यूरिया आया है। अधिकारियों ने बताया, यह यूरिया रायपुर और आसपास के सात जिलों में भेजा जाएगा।

रबी सीजन की 88% बोवनी पूरी
छत्तीसगढ़ में अब तक रबी फसलों की 16 लाख 35 हजार 720 हेक्टेयर से अधिक में बुआई हो चुकी है। यह इस साल रबी सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य का 88% है। इस साल 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर में रबी की फसल लगाने का लक्ष्य तय हुआ था। कृषि विभाग के अपर संचालक एस.सी. पदम ने बताया, राज्य में 2 लाख 25 हजार 420 हेक्टेयर में गेहूं, 93 हजार 10 हेक्टेयर में मक्का, 8 हजार 420 हेक्टेयर में जौ-ज्वार और अन्य फसले लगाई गई हैं। एक लाख एक हजार 430 हेक्टेयर में मोटे अनाज की बोनी पूरी कर ली गई है।

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