परीक्षार्थियों से पूछा “ढेरियाना’ का मतलब; लोगों ने मजे लिए-फ्लावर समझा था क्या..फायर है मैं..
छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग की प्री-पीएससी के सवालों ने परीक्षार्थियों को बुरी तरह उलझा दिया है। परीक्षा देने के बाद भी परीक्षार्थियों को उत्तरों पर संदेह हो रहा है। परीक्षार्थी किताबों और संदर्भ ग्रंथों से उनका उत्तर तलाश रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर परीक्षार्थी लिख रहे हैं, CGPSC: फ्लावर समझा क्या..फायर है मैं..। लोक सेवा आयोग की परीक्षा विभिन्न विभागों में 171 पदों पर अफसरों की भर्ती के लिए हो रही है।
परीक्षार्थियों ने बताया, परीक्षा में कुछ रोचक और समकालीन सवाल थे। इसमें कोरोना टीकाकरण में इस्तेमाल हो रही कोविशिल्ड वैक्सीन के प्रत्येक डोज में मात्रा पूछा गया था। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, राज्य अलंकरण, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और लोक संस्कृति पर आधारित प्रश्न थे। छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रश्नों में पूछा गया था कि “ढेरियाना’ का क्या मतलब है। छत्तीसगढ़ी में “बरदी’ किसे कहते हैं। “गांठ’ शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई है। “लठर लइया करना’ मुहावरे का क्या अर्थ है और “पथरा के बूता अउ कोदो के बनी हाना’ का क्या अर्थ होता है। दूसरे प्रश्नों में टमाटर की राजधानी पूछी गई। बनास नदी, मटासी मिट्टी और चांग देवी का मंदिर से जुड़े सवाल थे। परीक्षार्थियों से यह भी पूछा गया कि किस राज्य में लोकसभा की सर्वाधिक सीटे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
गांधी जी जब रायपुर आए थे तब कौन बिना प्लेटफार्म टिकट स्टेशन में घुसा था
एक सोशल मीडिया यूजर सूरज प्रकाश डडसेना ने प्रश्नपत्र की व्याख्या कुछ इस अंदाज में की है। सूरज ने लिखा – CGPSC 2021: 1933 में गांधी जी को मंच पर आमंत्रित करने वाले राजकुमार कॉलेज के प्राचार्य का क्या नाम था?
CGPSC 2022: गांधी जी जब रायपुर आए थे! तक कौन बिना “प्लेटफार्म टिकट’ के रेलवे स्टेशन में घुसा था???
संगत-असंगत कथन वाले ढेरों सवाल
डीडी नगर के अभिजीत ने बताया, सामान्य तौर पर इस प्रश्नपत्र में एक प्रश्न के चार विकल्प आधारित सवाल अधिक होते हैं। कल के प्रश्नपत्र में संगत-असंगत कथन और जोड़ी मिलाने वाले ढेरों सवाल थे। इसकी वजह से समय अपेक्षा से अधिक लग रहा था। एक समय ऐसा महसूस हुआ कि सभी प्रश्नों तक पहुंचने से पहले ही समय खत्म हो जाएगा।
पहला ही पर्चा खराब हो गया तो दूसरी में आए ही नहीं
लोक सेवा आयोग ने राजधानी रायपुर में 64 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की थी। इसमें 26 हजार 94 लोगों को शामिल होना था। पहली पारी की परीक्षा देने केवल 19 हजार 39 लोग आए। यह सामान्य अध्ययन का पेपर था। दूसरी पाली में सी-सेट का पेपर देने के लिए केवल 18 हजार 677 परीक्षार्थी ही वापस लौटे। माना जा रहा है, पहला पर्चा खराब होने से निराश लाेग दूसरा पर्चा देने से पहले ही घर लौट गए।
पूरे प्रदेश में यही ट्रेंड दिखा
राज्य लोक सेवा आयोग विभिन्न विभागों में अफसरों के 171 पदों के लिए यह परीक्षा करा रहा है। इसमें कुल एक लाख 29 हजार 209 लोगाें के आवेदन आए थे। आयोग ने विभिन्न शहराें में इसके लिए 356 केंद्र बनाए थे। पहली पाली में 1 लाख 13 हजार परीक्षार्थी आए। दूसरी पाली में यह संख्या घटकर 99 हजार 998 रह गई। यानी 1304 लोगों ने परीक्षा छोड़ दिया।
सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़
परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर भी मीम्स की बाढ़ आई हुई है। एक यूजर दिलहरन साहू ने फिल्म सिंघम का डायलॉग, “चिटिंग करता है तूं’ चिपकाते हुए लिखते हैं, CGPSC का एक्जाम बाेलकर UPSC का एक्जाम लेते हो। वीरू साहू लिखते हैं – CGPSC: फ्लावर समझे थे क्या? फ्लावर नहीं फायर है मैं…झुकेगा नहीं…। प्रताप ने लिखा, अगर वेलेंटाइन वीक और CGPSC के महीने को अलग न किया गया और CGPSC का पेपर ऐसा ही आता रहा तो बेरोजगारों को न नौकरी मिलेगी और ना ही माेहब्बत।