विधानसभा में अंजोर विज़न डोक्युमेंट 2047 पर विधायक भावना बोहरा ने रखे विचार, हर गाँव-ब्लॉक तक सुविधाओं के विस्तार पर दिया ज़ोर

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 14 दिसंबर से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई। इस दौरान सदन में अंजोर विज़न डोक्युमेंट 2047 पर विशेष चर्चा आयोजित की गई, जिसमें पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सहभागिता निभाते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने पंडरिया विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्तरीय सुविधाओं का विस्तार हर गाँव और ब्लॉक तक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विधायक भावना बोहरा ने कहा कि विधानसभा का रजत जयंती वर्ष और नवीन विधानसभा भवन में आयोजित यह पहला सत्र ऐतिहासिक महत्व रखता है। विज़न 2047 पर चर्चा आने वाले दशकों में छत्तीसगढ़ की दिशा और विकास की गति तय करेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी निर्णय से छत्तीसगढ़ को एक अलग पहचान मिली।
उन्होंने वर्ष 2000 के बाद प्रदेश की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने बीमारू राज्य की छवि से निकलकर विकास की नई ऊँचाइयाँ छुईं। किसानों को ब्याज-मुक्त ऋण, धान खरीदी में ऐतिहासिक वृद्धि, एक रुपये किलो चावल योजना, भोजन का अधिकार कानून, बिजली उत्पादन में विस्तार और ‘जीरो पावर कट’ जैसे निर्णयों से आम जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी व्यापक कार्य हुए तथा राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक और चिकित्सकीय संस्थानों की स्थापना हुई।
भावना बोहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वर्तमान सरकार किसान, युवा, महिला और आदिवासी वर्ग के हितों को प्राथमिकता देते हुए अधोसंरचना, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में निरंतर प्रगति कर रही है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत अंजोर विज़न डोक्युमेंट 2047 को उन्होंने प्रदेश के भविष्य का रोडमैप बताया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2047 तक छत्तीसगढ़ को पूर्ण विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाना है।
पंडरिया विधानसभा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए विधायक भावना बोहरा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की मांग की। उन्होंने वनांचल क्षेत्रों में जिला स्तरीय सुविधाओं के विस्तार, हाफ नदी परियोजना के विस्तार, पाँच मॉडल स्कूल और अस्पताल की स्थापना की आवश्यकता बताई। साथ ही प्राचीन एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर देते हुए कहा कि इससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में सुविधाओं का विस्तार, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुविधायुक्त बनाना और स्वच्छ पेयजल व सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करना ही विकसित छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव बनेगा।



