3 दिन तक टंकी में तैरता रहा शव, निगम ने शहर को पिलाया सड़ा पानी!

सिविल लाइन, पोलसाय पारा और शिक्षक नगर में पहुँचा मौत, मिला जल –जिम्मेदार अब भी बेखबर!
दुर्ग। नगर निगम की बड़ी लापरवाही गुरुवार को तब उजागर हुई जब कोतवाली थाना क्षेत्र के जलघर की अंडरग्राउंड टंकी में एक अज्ञात व्यक्ति का सड़ा हुआ शव तैरता हुआ मिला। हैरान करने वाली बात यह है कि यह शव पिछले तीन दिनों से टंकी में पड़ा था, और इसी टंकी का पानी शहर के सिविल लाइन, पोलसाय पारा और शिक्षक नगर में सप्लाई किया जा रहा था।
घटना का खुलासा!
गुरुवार सुबह जलघर पहुंचे कर्मचारियों ने टंकी में तैरता शव देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस और निगम अधिकारी पहुंचे, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि जलघर में रोज कर्मचारी मौजूद रहते हैं, फिर भी तीन दिन तक किसी की नज़र शव पर क्यों नहीं पड़ी?
जांच और पुलिस की कार्रवाई!
मृतक की उम्र लगभग 40–45 वर्ष बताई जा रही है। शव अत्यधिक सड़ी-गली अवस्था में होने से उसकी पहचान नहीं हो सकी। पुलिस ने शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
सीएसपी भारती मरकाम ने बताया कि एफएसएल टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया गया है और मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
लाखों लोगों की सेहत पर खतरा!
टंकी का पानी तीन दिनों तक नियमित रूप से सप्लाई होता रहा, जिससे हजारों घरों तक मृतक से दूषित पानी पहुंचा। इससे नागरिकों की सेहत पर संभावित गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
जिम्मेदारी किसकी..?
घटना सामने आने के बाद निगम प्रशासन की भूमिका पर कई सवाल उठ रहे हैं!
क्या जलघर में नियमित निरीक्षण नहीं होता…?
तीन दिनों तक टंकी में शव तैरता रहा, किसी कर्मचारी ने क्यों नहीं देखा..?
शहर को सड़ा पानी सप्लाई करने की जिम्मेदारी किसकी है..?
क्या कार्रवाई सिर्फ छोटे कर्मचारियों तक सीमित रहेगी या अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी?
जनता में रोष!
घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र के निवासी नाराज़ हैं और निगम प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह लापरवाही शहर की पेयजल व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।



