“हर बच्चा पढ़ेगा, तभी भविष्य संवरेंगा” – शिक्षा के दीपक से वनांचल हुआ रोशन

वनांचल में उम्मीद की नई किरण, बच्चों को मिला शिक्षा का संबल
बालाघाट, मध्यप्रदेश
तहसील बैहर के पहाड़ी और वनांचल क्षेत्र के ग्राम बिजोरा की शासकीय माध्यमिक शाला में सोमवार का दिन बच्चों के लिए अविस्मरणीय रहा। आदर्श दानपात्र सेवा समिति, बालाघाट (म.प्र.) ने जन सहयोग के साथ यहाँ जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क स्टेशनरी किट वितरित की।
सिर्फ स्टेशनरी ही नहीं, शिक्षा व जागरूकता भी
समिति के सदस्यों ने बच्चों को स्टेशनरी देने के साथ-साथ शिक्षा का महत्व, स्वास्थ्य अधिकार और “गुड टच – बैड टच” जैसी उपयोगी जानकारियाँ भी साझा कीं। मासूम बच्चों की चमकती आँखें और मुस्कुराते चेहरे देखकर उपस्थित हर व्यक्ति भावुक हो उठा।
समिति के एक सदस्य ने भावुक होते हुए कहा—
“इन मासूम बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी दौलत है। यही हमें लगातार समाजसेवा की ओर बढ़ने की ताक़त देती है।”
शिक्षा की अलख जगा रही है समिति
गौरतलब है कि आदर्श दानपात्र सेवा समिति निरंतर शहरी, ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में पहुँचकर जरूरतमंद बच्चों तक शिक्षा और जागरूकता की रोशनी पहुँचा रही है।
दानदाताओं का आभार
इस अवसर पर शाला के प्रधान पाठक बी.एल. भलावी, विद्यालय स्टाफ एवं समिति के सदस्य मौजूद रहे।
समिति ने सभी सहयोगियों और दानदाताओं – कविता चौहान, वसुंधरा बांसोड़, सविता खंडवाहे, सारदा रंगारे, सुजाता वैद्य, स्वर्णालता भलाधारे, शशि डहरवाल, राजमित्रा चोखांद्रे, उषा संभलकर, इंदिरा डोंगरे, आशालता वैद्य, अनूप गुप्ता, आशीष बारमाटे एवं अनिल कुमार कोरे – का आभार व्यक्त किया।
साथ ही समिति ने समाज से अपील की कि—
“जरूरतमंद बच्चों के लिए आगे आएं, क्योंकि शिक्षा ही वह दीपक है जो अंधकार को मिटाकर भविष्य को उजाले से भर देता है। हर बच्चा पढ़ेगा, तभी भविष्य संवरेंगा।”