रक्षाबंधन पर अभाविप की बहनों ने पुलिस अधीक्षक व जवानों को बांधी राखी, सुरक्षा और सम्मान का दिया संदेश

कबीरधाम
रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। इस पवित्र अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की बहनों ने एक अनोखी पहल करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारियों और जवानों के साथ रक्षाबंधन मनाया।
भाई-बहन के रिश्ते को मिली नई परिभाषा
सुबह से ही माहौल में उत्साह था। अभाविप की बहनें रक्षा सूत्र, थाल और मिठाई लेकर पुलिस लाइन और एसपी कार्यालय पहुंचीं। वहां मौजूद पुलिस अधीक्षक और पुलिस बल के जवानों ने बहनों का स्वागत किया।
बहनों ने सबसे पहले पुलिस अधीक्षक को राखी बांधी, फिर एक-एक करके सभी जवानों की कलाई पर रक्षा सूत्र सजाया। मिठाई खिलाकर उन्होंने उनके स्वस्थ, सुरक्षित और लंबी उम्र की कामना की।
पुलिस जवानों ने दिया भरोसा
राखी बांधते समय पुलिस जवानों ने बहनों को विश्वास दिलाया कि वे न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, बल्कि बहनों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए भी सदैव समर्पित रहेंगे। एक जवान ने कहा, “आज हमें महसूस हो रहा है कि हमारा परिवार सिर्फ घर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले की बहनें हमारी बहन हैं।”
अंजली झारिया का भावुक संबोधन
अभाविप की कार्यकर्ता अंजली झारिया ने कहा, “हमारे पुलिस जवान हर परिस्थिति में – चाहे त्योहार हो, विपत्ति हो या आपातकाल – बिना थके डटे रहते हैं। रक्षाबंधन मनाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि उनके त्याग, साहस और समर्पण को सम्मान देने का माध्यम है।” उन्होंने आगे कहा कि यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि सुरक्षा का वचन सिर्फ भाइयों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर रक्षक तक विस्तारित है।
भावनाओं से भरे पल
कार्यक्रम के दौरान कई भावुक क्षण भी सामने आए। राखी बांधते समय बहनों की आंखें गर्व और खुशी से नम हो गईं। कुछ बहनों ने कहा कि आज वे सिर्फ अपने सगे भाई को नहीं, बल्कि पूरे देश के रक्षकों को राखी बांध रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से पुलिस और जनता के बीच का रिश्ता और मजबूत होता है।
एक परिवार, एक सुरक्षा
रक्षाबंधन के इस विशेष आयोजन ने यह संदेश दिया कि पूरा देश एक परिवार है और हमारे जवान उस परिवार के सबसे साहसी प्रहरी हैं। यह त्योहार न केवल रिश्तों को जोड़ता है, बल्कि समाज में सुरक्षा और सम्मान की भावना को भी मजबूत करता है।