संवेदनशीलता और सख्ती का प्रतीक – नेताम की ड्यूटी गाथा बन गई!

थाने की चौखट पर इतिहास गूंजता है, जहां नेताम खड़े हैं प्रहरी बनकर!
तहलका न्यूज दुर्ग// सिटी कोतवाली दुर्ग, छत्तीसगढ़ का वह ऐतिहासिक थाना जिसकी नींव ब्रिटिश काल में 1902 से 1908 के बीच पड़ी थी, आज भी जिले के कानून व्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है। इस ऐतिहासिक थाने की कमान संभाल रहे हैं — निरीक्षक तापेश्वर नेताम, एक ऐसा नाम जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन चुका है।
📚 बालोद से दुर्ग तक — शिक्षा से सशक्तिकरण तक!
तापेश्वर नेताम का जन्म बालोद जिले में हुआ। आरंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, बोरई से प्राप्त करने के बाद उन्होंने दुर्ग साइंस कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। खास बात यह रही कि वे लगातार 5 वर्षों तक गोल्ड मेडलिस्ट रहे — एक अद्वितीय शैक्षणिक कीर्तिमान, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन की नींव बनाया।
👮♂️ 2013: जब शिक्षा ने वर्दी पहनी!
वर्ष 2013 में नेताम ने छत्तीसगढ़ पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में अपनी सेवा यात्रा शुरू की। ट्रेनिंग पूरी कर उन्होंने राजधानी रायपुर में पहली पोस्टिंग पाई और फिर एक के बाद एक चुनौतीपूर्ण स्थानों पर काम करते हुए खुद को साबित किया।
बस्तर के कांकेर क्षेत्र में एक नक्सली मुठभेड़ के दौरान उन्होंने सीधी गोलीबारी का सामना किया और दो साथियों को खोने का दर्द झेला। यह घटना उनके जीवन की सबसे कठिन और निर्णायक क्षणों में एक रही।
🪪 पदोन्नति और पहचान!
लगातार साहस, समर्पण और अनुशासन के साथ सेवा देने के बाद 2022 में तापेश्वर नेताम को निरीक्षक पद पर पदोन्नत किया। इसके बाद उन्होंने दुर्ग, भिलाई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ संभालीं।
🔍 इन मामले में जिन्होंने बनाई पहचान:
750 ग्राम सोने की चोरी (सुपेला) सफलतापूर्वक पर्दाफाश, ASU प्रभारी के रूप में निर्णायक भूमिका!
अमित जोश एनकाउंटर — भिलाई क्षेत्र में एक आतंक के अध्याय का अंत!
रसमड़ा डकैती कांड – व्यापारिक सुरक्षा को नया भरोसा!
👨👩👧👦 साधारण परिवार, असाधारण प्रेरणा!
उनके पिता भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत रहे, परिवार का अनुशासन और सीमित संसाधनों के बीच पला-बढ़ा जीवन आज हजारों युवाओं को यह संदेश देता है कि ईमानदारी, शिक्षा और परिश्रम से सब कुछ संभव है।
🏛️ दुर्ग कोतवाली में एक प्रहरी की अग्निपरीक्षा!
आज नेताम उस कोतवाली थाना के प्रभारी हैं, जो दुर्ग जिले की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित पुलिस इकाई मानी जाती है। उनके लिए यह सिर्फ एक प्रशासनिक पद नहीं, बल्कि इतिहास के साथ उत्तरदायित्व का सीधा संवाद है, जिसे वे पूरी निष्ठा और दक्षता से निभा रहे हैं।
🏆 एक प्रहरी, एक प्रेरणा!
तापेश्वर नेताम जैसे अधिकारी सिर्फ वर्दीधारी नहीं होते, वे समाज की रीढ़ होते हैं।
वे इस बात का प्रमाण हैं कि एक सामान्य पृष्ठभूमि से भी असाधारण ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है, यदि संकल्प अडिग हो।

