कबीरधाम जिलाकबीरधाम विशेषकवर्धाकवर्धा की खास ख़बरेंछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ स्पेशल

विधायक भावना बोहरा की ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा — आज तीसरे दिन पंडरिया विधानसभा में होगा प्रवेश

छत्तीसगढ़ की जनता की सुख-समृद्धि और प्रदेश की खुशहाली की कामना के साथ पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा नर्मदा मंदिर, अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक निकाली जा रही 151 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा ऐतिहासिक बनती जा रही है।

सोमवार 21 जुलाई को शुरू हुई इस कठिन यात्रा में विधायक भावना बोहरा के साथ करीब 300 कांवड़ यात्री भी कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। यात्रा के प्रथम दिन अमरकंटक से लम्हनी तक का सफर तय किया गया, वहीं दूसरे दिन लम्हनी से वन ग्राम महमाई तक कांवड़ियों ने यात्रा पूरी की। नदी में आई बाढ़ के कारण कांवड़ दल को महमाई में रात्रि विश्राम करना पड़ा।

तीसरे दिन, यानी आज बुधवार 23 जुलाई, यह कांवड़ यात्रा पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश कर रही है। इस दौरान यात्रा खुड़िया से दुल्लापुर मार्ग होते हुए गौरकांपा पहुंचेगी, जहां आज रात्रि विश्राम के पश्चात अगले दिन मोहतरा की ओर प्रस्थान किया जाएगा।

क्षेत्रवासियों में उत्साह, स्वागत को लेकर व्यापक तैयारी

विधायक भावना बोहरा और उनके साथ चल रहे श्रद्धालु कांवड़ियों के पंडरिया विधानसभा में आगमन को लेकर क्षेत्र में उत्साह की लहर है। भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय जनप्रतिनिधि, उनके स्वागत हेतु जोरशोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं। श्रद्धा, उत्साह और परंपरा का अद्भुत संगम इस यात्रा के हर पड़ाव पर देखने को मिल रहा है।

भावना बोहरा का संकल्प और संदेश

विधायक भावना बोहरा ने इस यात्रा के माध्यम से जनसेवा, श्रद्धा और धर्म को जोड़ने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा—

“यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मां नर्मदा और भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से मुझे यह पुण्य यात्रा करने की शक्ति मिली।”

“हर सुबह हम जयघोष के साथ इस यात्रा को आरंभ करते हैं — यही जयघोष हमें ऊर्जा और संकल्प देता है।”

सामाजिक-धार्मिक पहल की प्रेरणा

भावना बोहरा विगत चार वर्षों से कबीरधाम जिले के कांवड़ यात्रियों के लिए अमरकंटक में निःशुल्क भोजन और विश्राम की व्यवस्था करती रही हैं। इस बार उन्होंने स्वयं इस कठिन यात्रा का हिस्सा बनकर एक नया कीर्तिमान रचा है। यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि एक महिला जनप्रतिनिधि द्वारा इतनी कठिन और लंबी कांवड़ यात्रा की जा रही है।

यात्रा का समापन

भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर यह यात्रा अपने पवित्र उद्देश्य को प्राप्त करेगी। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि प्रदेश के लिए सुख-शांति, हरियाली और समृद्धि की कामना भी है।

“यह यात्रा है आस्था, परंपरा, सेवा और संकल्प की — जो छत्तीसगढ़ की धरती को और भी गौरवान्वित करती है।”

Related Articles

Back to top button