कबीरधाम जिलाकबीरधाम विशेषकवर्धाकवर्धा की खास ख़बरें

कबीरधाम: संदेह के घेरे में राजस्व विभाग: बेखौब भूमाफिया संरक्षण के चलते बेच डाला निस्तारी रास्ता

निस्तारी रास्ता में इरफान हिंगोरा का कब्जा, तहसीलदार पटवारी की भूमिका सवालों के घेरे में।

जिले में नहीं हो रहा रेरा अधिनियम का पालन, भूमाफिया के हौसले बुलंद

रेरा अधिनियम का धज्जियां उड़ा, भूमाफिया बना रहे अचूक संपति

कवर्धा :- आनंद विहार कालोनी के आम रास्ता में मो इरफान हिंगोरा ने कब्जा करके रहवासियों का निस्तरी बंद कर दिया है। कालोनीवासियों ने मो इरफान हिंगोरा को कब्जा से बेदखल करने शासन प्रशासन को ज्ञापन सौंप है।
कवर्धा शहर के आनंद विहार कालोनी में सरकारी कलेक्टर क्वार्टर के नाली और श्री महादेव पटले की प्लाट के बीच 20 फुट की चौड़ाई में लगभग 150 से 200 मीटर तक लम्बा आम निस्तारी रास्ता है। इसी रास्ते की हिस्से को महादेव पटले के प्लाट के पास 33 फिट लम्बाई तक कुल 0.007 हेक्टेयर जमीन में मो इरफान हिंगोरा कब्जा करके मोहल्लेवासियों के निस्तारी बंद कर दिया है।
जाने कैसे किया कब्जा :- मो इरफान हिंगोरा ने 0.021 हेक्टेयर की “काल्पनिक जमीन” को “निस्तारी रास्ता” की चौहदी देकर 07/10/2017 को अपनी माँ आयशा बेगम पति अब्दुल रज्जाक के नाम रजिस्ट्री करवाया। जबकि उक्त चौहदी में मात्र (20×33) 0.007 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है जो कि निस्तरी रास्ते का हिस्सा है। बता दें कि, 23/04/2018 को तहसीलदार उक्त भूमि को नामान्तरण करने से आने जाने में बाधा उत्पन्न होगी तथा विवाद की स्थिति निर्मित होने की प्रबल संभावना के कारण उक्त 0.021 हेक्टेयर काल्पनिक जमीन को आयशा बेगम के नाम नामान्तरण प्रकरण खारिज कर दिया था। खारिज रिपोर्ट को छुपाकर 16/07/2018 को पुनः आवेदन किया गया जिसे 29/09/2018 को अदम पैरवी में खारिज किया गया। लगभग 02 वर्ष के बाद दिनांक 09/07/2020 को फिर से नया आवेदन किया गया जिसमें 14/08/2020 को तहसीलदार ने रजिस्ट्री की चौहदी अनुसार 0.021 हेक्टेयर काल्पनिक जमीन में आयशा बेगम का कब्जा बताते हुए 30 फुट चौड़ा ×33 फुट गहराई कुल =990 फुट को छोड़कर शेष जमीन पर आयशा बेगम द्वारा निस्तरी रास्ता छोड़ना उल्लेख करते हुए आयशा बेगम के नाम नामान्तरण आदेश पारित कर दिया। मो इरफान हिंगोरा ने काल्पनिक जमीन अपने माँ के नाम मे आने के बाद दिनांक 24/05/2021 को उक्त चौहदी में वास्तविक रूप से में पहले से ही उपलब्ध निस्तरी रास्ते की 20×33 0.007 हेक्टेयर जमीन को अपने भांजे सोयब मेमन पिता हारून मेमन के नाम रजिस्ट्री करा दिया।

ऐसे में इरफान हिंगोरा की माँ और भांजे तथा तहसीलदार व पटवारी की भूमिका पर सवाल खड़े होता है की इन्होंने जो 0.021 हेक्टेयर काल्पनिक जमीन खरीदी बिक्री किया है ,आखिर वो जमीन कहा है ? मूलतः जो जमीन हैं ही नही उसका खरीद बिक्री करके उसके आड़ में निस्तरी रास्ता के 0.007 हेक्टेयर जमीन में कब्जा करने से मोहल्लेवासियों के समस्या उत्पन्न हुआ है।
बहरहाल इसका सही खुलासा तो निष्पक्ष जांच और सीमांकन के बाद होगा।

अब देखना होगा कि मोहल्लेवासियों को निस्तरी रास्ता की समस्या से शासन प्रशासन कितनी जल्दी निजात दिलाती है।

Related Articles

Back to top button