कवर्धा जिले में अवैध बोर खनन पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई: कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने पर नायब तहसीलदार की ताबड़तोड़ कार्यवाही… जानिए पूरा मामला…

“जल संकट के बीच कवर्धा में अवैध बोर खनन पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई: खनन उपकरण जब्त”
कवर्धा जिले में जल संकट की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर गोपाल वर्मा ने बोर खनन पर प्रतिबंध आदेश जारी किया था। इसके बावजूद, कवर्धा से 7 किलो मीटर दूर में ग्राम कोढ़ार खार क्षेत्र में बिना अनुमति के अवैध बोर खनन कार्य जारी था। सूचना मिलने पर, नायब तहसीलदार विकास जैन और आरआई शेखर सिंह राजपूत ने टीम के साथ मौके पर पहुंचकर खनन कार्य को रोका और संबंधित बोरिंग मशीन नम्बर TN 28, BQ 3088 सहित सपोटर गाड़ी TN 28 BE 3088 , को जब्त कर लिया। मशीन को न्यू पुलिस लाइन में सुरक्षा सुपुर्दगी पर सौंप दिया गया है।



कानूनी प्रावधान और दंड:
अवैध बोर खनन के मामलों में छत्तीसगढ़ भूजल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम, 2022 की धारा 5 का उल्लंघन होता है। इस धारा के तहत, बिना अनुमति के बोर खनन करना दंडनीय अपराध है। इसके अलावा, जल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम, 2022 की धारा 3 और 4 के तहत कड़ी कार्यवाही करने कार्रवाई की गई साथ ही अवैध बोर खनन पर 50 हजार से 5 लाख तक फाइन और सजा का प्रवधान है। नाबालिक का शोषण भी किया जा रहा है जिसकी उम्र 18 साल से भी कम है।
प्रशासन की सख्तीः
कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने पर, तहसीलदार ने त्वरित कार्रवाई की और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन अवैध गतिविधियों के खिलाफ गंभीर है।
राजनीतिक दबाव की आशंकाः
हालांकि प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है, लेकिन स्थानीय स्तर पर यह चर्चा है कि अवैध बोर खनन माफिया के कुछ मालिकों और एजेंटों द्वारा राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय नेताओं के संरक्षण में ये माफिया सक्रिय हैं, जिससे प्रशासन की कार्रवाई में रुकावटें आ रही हैं।