मध्यप्रदेश की शराब पर छत्तीसगढ़ का ठप्पा लगाने वाले गिरोह के तीन और सदस्य गिरफ्तार…

डोंगरगढ़ के ग्राम करवारी स्थित फार्म हाउस में नकली शराब के बड़े अड्डे का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. फार्म हाउस में मध्यप्रदेश से लाई गई शराब को छत्तीसगढ़ ब्रांड के नकली होलोग्राम, लेबल और सील लगाकर बाजार में बेचा जाता था. मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ गिरफ्तारियों की संख्या 11 हो गई है.
डोंगरगढ़ पुलिस अवैध शराब के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है. इस कड़ी में एक हफ्ते पहले 432 पेटियों में भरकर रखी गई मध्यप्रदेश की शराब जब्त किया गया था, जिसके बाद अब फार्म हाउस में नकली शराब बनाने के बड़े अड्डे का भंडाफोड़ किया है. मामले में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या अब 11 हो गई है, जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अपराधी शामिल हैं. इनमें से कई आरोपियों पर पहले से गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं.
गिरफ्तार आरोपियों में पूछताछ में सामने आया है कि इस पूरे नेटवर्क का संचालन ‘सोनू उर्फ रोहित नेताम’ कर रहा था, जो फार्म हाउस का मालिक भी है. उसने अधिक मुनाफा कमाने के लिए यह गिरोह तैयार किया था.
कार्रवाई से उठे गंभीर सवाल
पुलिस की ताजा कार्रवाई के बाद अब सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में शराब कैसे सीमा पार हुई? नकली होलोग्राम और लेबल कहां से पहुंचे? ये रैकेट कितने समय से चल रहा था, और कौन-कौन इसकी परछाइयों में शामिल था? इन सवालों के घेरे में आबकारी विभाग के अधिकारी सबसे पहले आ रहे हैं.
आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण
सूत्रों के अनुसार, फार्म हाउस तक शराब पहुंचाने वाले रास्तों, बोर्डर चेकपोस्ट और अन्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अब तक जांच के दायरे में नहीं लाई गई है. पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल और व्हाट्सएप चैट की भी जांच होनी बाकी है. इस पूरे मामले में राजनीतिक संरक्षण की भी बात साफ महसूस की जा रही है.