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कवर्धा में वन आरक्षक भर्ती में मजदूरों के वेतन भुगतान की देरी, प्रशासन पर सवालिया निशान

बार बार कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर, कब मिलेगा मेहनत की क़ीमत?

कवर्धा, छत्तीसगढ़ – जहाँ पर हर साल लाखों की भीड़, उत्सव और भव्य आयोजन होते हैं, वहीं एक गंभीर समस्या ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला है कबीरधाम जिले में वन आरक्षक भर्ती 2024 के दौरान दिन-रात मेहनत करने वाले 22 मजदूरों का, जिनकी मेहनत का भुगतान अब तक लंबित है।”

कवर्धा शहर के पी.जी. कॉलेज मैदान में 22 दिसम्बर 2024 से 08 जनवरी 2025 तक चलने वाली वन आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में 22 मजदूरों ने दिन-रात अपनी मेहनत से वन रक्षक भर्ती के आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इन मजदूरों ने साफ-सफाई, खेलकूद, दौड़, गोला फेंक, लंबी कूद, और पानी पिलाने जैसे मजदूरी कार्य किए। इनका काम सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक चलता था।

वन रक्षक भर्ती में – मजदुर साफ-सफाई करते, खेलकूद में मदद करते

“इन मजदूरों को प्रतिदिन 700 रुपए के हिसाब से मजदूरी दी जानी थी। 18 दिन तक चले इस आयोजन के लिए कुल 2,77,200 रुपए की राशि निर्धारित राशि मिलनी थी, लेकिन अब तक मजदूरों को उनकी मेहनत का सही भुगतान नहीं किया गया है।”

“मजदूरों ने बार – बार संबंधित कार्यालय में अपनी बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की, लेकिन अफसोस की बात यह है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और मजदूरी भुक्तान नहीं किया गया है।”

“यह एक बड़ी असमर्थता है, जहां सरकार के नियमों और नियमानुसार भुगतान की कड़ी के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। इन मजदूरों का कहना है कि उन्होंने जो मेहनत की है, उसके लिए उन्हें उनका वेतन मिलना चाहिए।”

“अब मजदूरों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है। अगर मजदूरी का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया, तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे और अपने अधिकारों के लिए कानूनी कदम भी उठाने को मजबूर है।

डीएफओ – मै मामले को दिखावा लेता हूं और भुगतान नहीं हुआ होगा तो एक या दो दिनों में करा देता हूं।

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