कबीरधाम जिला

“कवर्धा: शासकीय प्राथमिक शाला जिंदा में साक्षर भारत परीक्षा का आयोजन न होने से परीक्षार्थी लौटे निराश”

यह घटना छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला जिंदा से जुड़ी हुई है, जहां साक्षर भारत परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका। इस कारण, वहां के परीक्षार्थियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। साक्षर भारत योजना का उद्देश्य बच्चों और वयस्कों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें साक्षर बनाना है, लेकिन इस आयोजन में किसी कारणवश विघ्न आ गया, जिससे परीक्षार्थियों की उम्मीदें टूट गईं।

ऐसे में, यह घटना स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को रोकने और परीक्षा संचालन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ध्यान दें।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विद्यालय का ताला सुबह 1:30 बजे तक नहीं खुला था, जिसके कारण परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शुरू होने में देरी हुई। इससे परीक्षार्थी और उनके परिजन बहोत नाराजगी व्यक्त किए, और शासन प्रशासन को ध्यान अकाराशन कराया,क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी तैयारी के साथ परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए समय से पहुंचने का प्रयास किया था।

इस घटना के कारण परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आए परीक्षार्थियों का समय बर्बाद हो गया और वे बिना परीक्षा दिए निराश होकर लौट गए। कुछ परीक्षार्थियों ने बताया कि वे कई घंटे तक स्कूल के बाहर इंतजार करते रहे, लेकिन ताला नहीं खुलने के कारण उन्हें बिना परीक्षा दिए लौटना पड़ा।

स्थानीय लोग और अभिभावक इस प्रशासनिक लापरवाही पर चिंता जताते हुए इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं परीक्षार्थी के भविष्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं।

वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर उठ रहे है सवाल, परीक्षा के इस प्रकार के आयोजन में प्रशासन की ओर से उपेक्षा करने के कारण परीक्षार्थियों को काफी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा है।

यह घटना शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है, ताकि भविष्य में परीक्षार्थियों को ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

Related Articles

Back to top button