“नई औद्योगिक नीति से 125 दिनों में राज्य को मिले 1 लाख करोड़ के 31 निवेश प्रस्ताव”

राज्य की औद्योगिक इकाइयों के अनुदान/छूट संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रकरणों का समयावधि में निराकरण किया जा रहा है. नई औद्योगिक विकास नीति लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कुल 31 प्रस्ताव निवेश के लिए प्राप्त हो चुके हैं. इस बात की जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने विधानसभा में विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान दी
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 965 करोड़ 18 रुपए की अनुदान मांगे पारित की गई. इसमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से संबंधित व्यय के लिए 709 करोड़ 87 लाख रुपए तथा श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 हजार 9 हजार रुपए शामिल हैं.
विभागीय मंत्री लखनलाल देवांगन ने सदन में कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा 01 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की गई है. इसका मूल विषय अमृत काल छत्तीसगढ़ विजन-2047 रखा गया है. उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्य ने अपनी नीति को विकास का आधार बनाकर रोजगार प्रदान करने पर जोर दिया है. इसके लिए श्रम-प्रधान उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, जो अधिकतम रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं. विशेषकर, जो इकाइयां 1000 से अधिक रोजगार सृजित करेंगी, उन्हें मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. इकाइयों के द्वारा दिव्यांगजन, सेवानिवृत्त अग्निवीर या आत्मसमर्पित नक्सली को रोजगार दिये जाने पर इस विषय पर विशेष अनुदान प्रदान किया जाएगा.
देवांगन ने सदन में बताया कि स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है. उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासियों के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति 15 हजार रुपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ईपीएफ व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है.
राज्य में पूंजी निवेश को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत स्थापित होने वाले औद्योगिक इकाइयों को ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, मार्जिन मनी अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान जैसे विभिन्न अनुदान एवं छूट प्रदान किए जाएंगे. नई औद्योगिक नीति में भूमि, भवन एवं बैंक ऋण पर स्टाम्प शुल्क भुगतान से पूर्ण छूट एवं 6 वर्ष से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट का प्रावधान किया गया है. इसमें कई सेवाओं के लिए प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए स्व-घोषणा को मान्य किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया और भी सरल हो गई है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री देवांगन ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 34 औद्योगिक क्षेत्रो/पार्काें की स्थापना की जा चुकी है. आने वाले समय में 4 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है. राज्य के विभिन्न जिलों में नवीन फूड पार्क, रायपुर जिले में जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क और प्लास्टिक पार्क, नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क एवं जांजगीर-चांपा जिले में स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी.
राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वयं के उद्यम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैण्ड-अप इंण्डिया योजना एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है. औद्योगिक नीति 2024-30 में युवाओं के लिये एक नई योजना छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना का प्रावधान किया गया है, जिसमें ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा.
देवांगन ने सदन में बताया कि राज्य की औद्योगिक इकाइयों के अनुदान/छूट संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की व्यवस्था की गयी है, जिसमें प्रकरणों का समयावधि में निराकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बिना ठोस तैयारी के उद्योगों के साथ एमओयू कर दिये जाते थे, जिससे राज्य को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता था.
हमारी सरकार एमओयू के स्थान पर इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट जारी कर रही है. यह उन निवेशकों को दिया जाता है जो निवेशक हमारी औद्योगिक नीति एवं अनुदान प्रोत्साहन से प्रभावित होकर राज्य में निवेश करने की अभिरूचि लिखित में प्रस्तुत करते हैं. इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट केवल एमओयू का विकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह विस्तृत चर्चा उपरांत निवेशकों को दिया जाने वाला विश्वास पत्र है. उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कुल 31 प्रस्ताव निवेश के लिए प्राप्त हो चुके हैं.
देवांगन ने बताया कि पोलीमेटेड इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड ने राज्य में 1143 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है. नवा रायपुर में इसका प्लांट बनने जा रहा है. इसी तरह यस फैन एण्ड एप्लाईन्सेस और रेक बैंक डाटा सेंटर ने भी नवा रायपुर में उद्योग लगाने के लिए जमीन का चयन कर लिया है. अब्रेल ग्रीन एनर्जी ने मुंगेली में सोलर पावर के लिए भूमि का चयन किया है. राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा देते हुए विभिन्न अनुदानों एवं छूटों का प्रावधान किया गया है.
नए बजट में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के लिए नया रायपुर में कार्यालय निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के साथ ही रियायती दर पर भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है. इससे व्यापारिक संगठनों को एक मजबूत मंच मिलेगा और वे राज्य में औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका निभा सकेंगे.
नए बजट में राज्य के 06 जिलों राजनांदगांव, जगदलपुर, कोंडागांव, बालोद, महासमुंद एवं बिलासपुर में नवीन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कार्यालयों के भवन निर्माण के लिए 15.60 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है. इससे प्रशासनिक कार्यों में दक्षता आएगी और उद्यमियों को सरकार की योजनाओं एवं नीतियों का त्वरित लाभ मिलेगा.
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा संगठित/असंगठित/निर्माण क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के कार्य किए जाते हैं. विभाग द्वारा श्रमिकों की कार्यदशा, सेवा शर्तों एवं कार्यक्षेत्र में स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं औद्योगिक शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न श्रम कानूनों का प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाता है.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी. विभाग द्वारा गत वर्ष 06 जिलों में 16 और इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केन्द्र प्रारंभ किए जा चुके हैं. आगामी वर्ष 2025-26 में राज्य के सभी जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा. श्रम विभाग के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है.
देवांगन ने सदन में बताया कि आगामी वर्ष के बजट में श्रमायुक्त संगठन के लिए 29 करोड़ 40 लाख 94 हजार लाख 19 हजार रुपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के लिए 125 करोड़ 10 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार रुपए, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार, औद्योगिक हाइजिन प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 01 करोड़ 51 लाख 40 हजार रुपए, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 64 करोड़ 18 लाख 65 हजार रुपए तथा औद्योगिक न्यायालय के लिए 22 करोड़ 85 लाख 95 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
वाणिज्य एवं उद्योग तथा श्रम विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायकगण सर्वदलेश्वर साहू, राजेश मूणत, कुंवर सिंह निषाद, प्रबोध मिंज, सुशांत शुक्ला, देवेन्द्र यादव, अजय चंद्राकर, व्यास कश्यप और राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भाग लिया.