कबीरधाम: परिवहन सुस्त : सैकड़ों धान खरीदी केंद्रों में धान हो गया जाम, कुछ केंद्र में खरीदी बंद

इन दिनों कबीरधाम जिले की सेवा सहकारी समितियों के केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। बड़ी बात यह है कि धान परिवहन की स्थिति सुस्त नजर आ रही है है। जितने धान की आवक हो रही है, परिवहन नहीं हो रहा है। नतीजा जिले के सैकड़ों खरीदी केंद्रों में धान जाम हो गया है।
मौसम के मिजाज को देखते हुए खुलेआसमान के नीचे रखे धान की बर्बादी की आशंका
समिति प्रबंधकों की लगातार शिकवा शिकायतों, किसानो की बढ़ती समस्याओं और जिला प्रशासन के मुखिया की तमाम सख्तियों के बाद भी जिले के धान खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव होते नहीं दिखाई दे रहा है। जिसके चलते एक बार फिर कुछ केन्द्रों में धान खरीदी प्रभावित होने के साथ ही बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि चालू सत्र की धान खरीदी के दौरान जिले में धान उठाव एक गंभीर और बड़ी समस्या बनी हुई है। जिसके कारण समिति प्रबंधकों और किसानो के सामने कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही है। यहीं वजह है कि गत 14 नवम्बर से प्रारंभ की गई समर्थन मूल्य में धान खरीदी से लेकर अब तक कई बार धान खरीदी बाधित हो चुकी है। जिसे लेकर शासन-प्रशासन द्वारा तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं लेकिन इन तथा कथित प्रयासों का धरातल पर कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक जिले के विकासखण्ड पंडरिया के वनांचल ग्राम कोदवागोड़ान, बोड़ला धान खरीदी केंद्र, गोछिया, सोनपुरी रानी, धर्म जयगढ़, जैसे तमाम में संचालित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में धान का उठाव नहीं होने से परेशान शासन प्रशासन से लगातार अपनी जायज मांग कर रहे हैं।
जिले के थान खरीदी केन्द्रों में उठाव के आभाव में जिस ढंग से खुले आसमान के नीचे लाखों विवंटल धान असुरक्षित ढंग से पड़ा है और आसमान में बीते करीध हप्ते भर से बादलों का डेरा बना हुआ है उसे देखकर इस चात की भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं अगर मौसम ने अपना मिजाज बदला और खेमौसम चारिश अथवा इस सीजन में जिले के मौसम की तासीर के अनुरूप ओला वृष्टि हुई तो निश्चित रूप से धान की भारी बर्बादी हो सकती है। ऐसे में बेहतर यही होगा की शासन-प्रशासन अपनी व्यवस्था सुचारू कर तेजी से धान का उठाव पूर्ण कराए और करोड़ों रूपए की राशि से खरीदे गए धान को सुरक्षित कराए