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धर्मांतरण के मुद्दे पर गरमाई सियासत : प्रार्थना घर को लेकर आदिवासी और हिंदू संगठनों के बीच तनाव, कांग्रेस विधायक ने कहा – यही स्थिति रही तो बलौदाबाजार और लोहारीडीह जैसी होगी घटना

 बिलासपुर जिले में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमाने लगा है. अब यह आग आदिवासी समुदाय के प्रार्थना घर को लेकर फैली है. जिसे लेकर सियासत भी गरमा गई है. पक्ष-विपक्ष धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. इतना ही नहीं, इस मुद्दे को लेकर सामाजिक लोग भी लामबंद होने लगे हैं. हिंदू संगठन और आदिवासी समाज खुलकर मुखर हो गए हैं.

बिलासपुर जिले में धर्म नगरी रतनपुर से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत पुडु के आश्रित ग्राम बंगलाभाठा में आदिवासी समाज ने आदिवासी सामुदाय के प्रार्थना सभा घर का निर्माण कराया है. बीते दिनों इसके उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें कुछ बिशप और कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव बतौर अतिथि शामिल होने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव हिन्दू संगठनों के साथ लामबंद हो गए और प्रार्थना घर के विरोध में उतर गए. इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर प्रार्थना घर के बहाने क्षेत्र में धर्मांतरण के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए. कांग्रेस विधायक को ही कटघरे में खड़े कर दिया और कांग्रेस विधायक को धर्मांतरण का एजेंट बता दिया. इस विरोध के बीच प्रार्थना घर के उद्घाटन का कार्यक्रम जरूर टल गया. लेकिन अब इस पर सियासत और सामाजिक लामबंदी शुरू हो गई है, जिससे धर्मांतरण का मुद्दा सुलग गया है.

जानबूझकर धर्मांतरण के आड़ में की जा रही

राजनीति- अटल श्रीवास्तव

कोटा के कांग्रेस विधायक और आदिवासी समाज के लोग इसे लेकर अब एकजुट हो गए हैं. कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने सीधे तौर पर धर्मांतरण के नाम पर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक का कहना है कि भाजपा और भगवा धारी गुंडे कोटा क्षेत्र में अशांति फैलाना चाहते हैं. इसलिए जानबूझकर धर्मांतरण के आड़ में इसपर राजनीति कर रहे हैं. प्रार्थना घर आदिवासी समुदाय ने मिलकर बनाया है. धर्म को मानने न मानने की सबकी अपनी स्वतंत्रता है. इसके बावजूद भाजपा और धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले संगठन इसे धर्मांतरण से जोड़ रहे हैं. कांग्रेस विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि यही स्थिति रही तो बलौदाबाजार और लोहारीडीह जैसी घटना यहां भी होगी. इधर कोटा विधायक के साथ आदिवासी समाज ने मामले में पुलिस से अशांति फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

इस संबंध में अखिल भारतीय संत समिति और सर्व हिंदू समाज ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपी है और विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर मांग पूरी नहीं हुई, तो संत समाज उग्र आंदोलन करेगा.

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