छत्तीसगढ़ में टिकट दलालों के खिलाफ RPF ने छापेमार कार्रवाई की है।

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में टिकट दलालों के खिलाफ छापेमार कार्रवाई की। कार्रवाई पिछले एक हफ्ते से जारी थी। दरअसल RPF को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि बहुत से लोग पर्सनल आईडी से कमर्शियल तरीके से ई-टिकट जारी करने का कारोबार कर रहे हैं। इसी कड़ी में सरगुजा और रायगढ़ जिले में भी टिकट दलालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है। अंबिकापुर की RPF टीम ने रेलवे ई-टिकट का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यहां एक रेलवे एजेंट आशीष सोनी को गिरफ्तार किया गया है। वो अपनी फोटो कॉपी की दुकान में पर्सनल आईडी से भी टिकट जारी करने का अवैध कारोबार कर रहा था। इसके पास से करीब 44 टिकट जारी करना पाया गया है। इन सभी पर यात्रा हो चुकी थी।
पर्सनल आईडी से ई-टिकट बेचने का काम करता है
जारी किए गए टिकटों की कीमत 27 हजार 064 रुपए है। आशीष सोनी IRCTC का एजेंट भी है, लेकिन वो पर्सनल ID से भी ई-टिकट जारी कर रहा था। वहीं सूरजपुर के सिलफिली में आरपीएफ को जानकारी मिली कि इलेक्ट्रॉनिक दुकान का संचालक कन्हाई सम्मदार भी अपनी पर्सनल आईडी से ई-टिकट बेचने का अवैध कारोबार करता है। ऐसे में आरपीएफ की टीम ने 22 अगस्त को इसकी दुकान पर छापा मारा। जब इसके कंप्यूटर खंगाले गए, तो 27 टिकट जारी होना पाया गया, जिसकी कीमत 21 हजार 159 रुपए थी।
दोनों ही मामलों में RPF ने कंप्यूटर को जब्त कर लिया है और रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी आशीष सोनी और कन्हाई सम्मदार को गिरफ्तार कर लिया है। अंबिकापुर में की गई कार्रवाई में पोस्ट प्रभारी समीर खलखो समेत उप निरीक्षक एसके केवट, सहायक उपनिरीक्षक कविंदर और सहायक उपनिरीक्षक पीके मिश्रा शामिल रहे।
दो दिन पहले आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी को महापल्ली से सूचना मिली थी कि गांव का दिनेश बीसी अपने किराना दुकान में अवैध ई-टिकट बेच रहा है। सूचना मिलते ही आरपीएफ की टीम गांव के लिए रवाना हुई और टिकट दलाल को रंगे हाथ दबोचा लिया। टिकट दलाल दिनेश बीसी से ट्रेन के 50 ई-टिकट बरामद हुए। इसी तरह डुमरपाली के रहनेवाले श्रीबच्छ गुप्ता की दुकान से भी रेलवे के 14 टिकट मिले। वहीं चपले के ओमकार डनसेना की दुकान में 12 अवैध ई-टिकट मिले हैं।