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राज्य सरकार का दामाद बन के बैठा है, गुलाब डरसेना जिला जनसंपर्क अधिकारी, बरसो से एक स्थान पर टीके है क्यों?

जनसंपर्क की बगिया में बरसों से खिल रह एक गुलाब कुछ पत्रकारों को दे रहा खुशबू और कुछ को काटो का जख्म बागीचे की रखवाली में बैठा माली तय कर रहा किसे देना है खुशबू और किसके रास्ते काटे

शासकीय विभागों में पदस्थ रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांरित इसलिए किया जाता है कि जब उनको एक ही जगह पर अधिक समय हो जाता है तो लोगों से बने संबंधों को लेकर वह शासन की योजनाओं का आमजन को लाभ देने में भेद भाव पूर्ण रवैया ना अपना सकें। राजनीतीकरण के चक्कर मे एक ही जगह जमें हुवे है?

स्थानांतरण नीति की धज्जिया कैसे उड़ाई जाती है इसका जीता जगता सुबूत है ।

मनमौजी कर शासन की योजनाओं को अकेले को डकार रहे

कबीरधाम बात अगर पत्रकारों की हो तो शासन प्रशासन संविधान के इस चौथे स्तम्भ के लीए पुरी स्वतन्त्रता दी गई है और पत्रकारों की सुविधा के लिए जिले मे जनसंपर्क अधिकारी भी नियुक्त किया गया है परन्तु कुछ जिले के जनसंपर्क विभाग में ऐसे भी अधिकारी है जो पत्रकारों में ही मदभेद करते नजर आते हैं बात अगर पत्रकारों को शासन प्रशासन के योजनाओं से मिलने वाली लाभ की हो तो यह नुमाइंदे अपने चंद चहते लोगो का नाम लिखकर पूरा लिस्ट ही बदल देते हैं और भला क्यों न हो इस बगीचे के माली के मुंह मे कुछ लोग काले गुलाब जामुन मिठास जो दे रहे है अगर सामाचार प्रकाशन की बात आती है तो अपनी सेवा करवाने सभी को इनके द्वारा भेजा जाता है पर जब कही कोई भी इनसे पत्रकारों की सूची मांगे तो वहां महज चंद लोगों की ही सूची इनके द्वारा भेजी जाती है अब सवाल यह उठता है कि बरसों से इस विभाग की कुर्सी पर आसान जमाए इन अधिकारी और कर्मचारी आखिर कौन संरक्षण दे रहा है वही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व कवर्धा विधायक विजय शर्मा जी जिले के सभी पत्रकारों से सहयोग की अपेक्षा रखते है परन्तु जब उन्हीं के कर्मचारी पत्रकारों से मतभेद करें तो भला यह कैसे संभव हो सकता है बात दे कि यह पूरा मामला प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा के गृह जिले कबीरधाम का हैं जहां अधिकारी ही खुद उड़ा रहे है तबादले नियमों की धज्जियां अब सवाल यह उठता है कि बरसों से एक ही कुर्सी पर बैठे हुए इन अधिकारी व कर्मचारी को आखिर कौन संरक्षण दे रहा हैं।

ज्ञात हो कि भले ही सरकार के नियम मे अधिकारी व कर्मचारीयो के तबादले के लिए निर्धारित समय तीन वर्ष का होता हो परंतु प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के गृह जिले कबीरधाम में इन नियम व कानून का कोई मायने नहीं रखते है यहाँ तो खुद मंत्री जी को ही मालूम नहीं होगा की कौन सी कुर्सी पर कौन अधिकारी व कर्मचारी कितने दिनों से अपनी सीट जमाकर बैठा है और इन्हे सियासत के कौन कौन से रसुखदार अपनी संरक्षण दे रहे है।

बता दे की कबीरधाम जिले में एक ऐसा कर्मचारी भी है जो बरसो से एक ही कुर्सी पर जमे हुए है सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो ये कर्मचारी और इनके अधिकारी कुर्सी छोड़ने का नाम ही नहीं लेते अगर इस कर्मचारी साहब का रिकार्ड देखे तो आप खुद ही हैरान रह जाएंगे की आखिर इतने सालों तक भला कोई कर्मचारी एक ही कुर्सी पर कैसे रह सकता है, तबादले जिले के हर विभागो मे होता है पर भला ना जाने क्यों इस विभाग की नीव इतनी मजबूत कहा से है की सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो कोई इनका बाल भी बाका नही कर सकता, जी हा हम बात कर रहे है कबीरधाम जिले के जिला जनसंपर्क विभाग की जहाँ जनसंपर्क विभाग के प्रभारी अधिकारी गुलाब डडसेना और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बघेल की जोड़ी ने शोले फिल्म के जय और विरु की याद को जिले में ताजा करके रखा हुआ है आखिर वह कौन है जिसके दम पर यह अधिकारी और कर्मचारी साहब पर तबादले की नीति का कोई असर ही नहीं या यू कहे के इनके उपर बैठे अधिकारी भी कबीरधाम जिले में तबादले के इस नियम की खुले आम धज्जिया उड़ा रहे है अब देखना यह है की इस अधिकारी और कर्मचारी पर कवर्धा विधायक व प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री कितने महरबान है क्या उप मुख्यमंत्री तबादले की नीति को इनके उपर लागू करते है या अन्य सासको की तरह मौन समर्थन करते है यह एक सवालिया निसान है।

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