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अपनी मांगों को लेकर वनकर्मियों ने डिप्टी सीएम के आवास के सामने किया धरना प्रदर्शन, मांगों की अनदेखी पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

तहलका न्यूज बिलासपुर// दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ की जिला शाखा ने रविवार को उप मुख्यमंत्री अरुण साव के आवास के सामने सड़क पर बैठककर धरना-प्रदर्शन किया तथा वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों और श्रमिकों ने एक पत्र के माध्यम से अपनी विभित्र समस्याओं के निराकरण की मांग की है। कर्मचारियों ने अपनी मांगों की अनदेखी पर 11 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।

प्रमुख मांगें

श्रमायुक्त दर पर कार्य करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए वन विभाग में आकस्मिकता निधि सेवा नियम लागू किया जाए। इस नियम को विभाग में 2004 से लागू करने के लिए सहमति और प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका था। विगत 4 से 5 माह के लंबित वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि वे कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। कर्मचारियों की इस हड़ताल से सरकार पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे विभाग के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इन मांगों पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए

जब तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितिकरण नहीं हो जाता है, तब तक वन विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की सीधी भर्ती पर तत्काल रोक लगाई जाए और इन पदों पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को समायोजित किया जाए।

नियमितिकरण की मांग एवं स्थायीकरण जरूरी

वन विभाग में 5 मार्च 2008 से 31 दिसंबर 2017 तक कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, श्रमिक, वाहन चालक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, और तेंदू पत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिकों को जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर ली है, उन्हें नियमित किया जाए। 31 दिसंबर 2017 के बाद से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, श्रमिकों, वाहन चालकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, कार्यालय सहायकों, और तेंदू पत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिकों को जिन्होंने 2 वर्ष की सेवा अवधि पूरी कर ली है, स्थायी किया जाए।

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