सुशासन एवं अभिसरण विभाग में मर्ज होगा नवाचार आयोग
तहलका न्यूज रायपुर// राज्य सरकार नवाचार आयोग को नए विभाग सुशासन एवं अभिसरण विभाग में मर्ज करने जा रही है। वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, जहां से मंजूरी मिलते ही आयोग को बंद कर दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार ने फरवरी में इसके गठन की अधिसूचना जारी की थी। कांग्रेस सरकार के बदलते ही जनवरी में विवेक ढांड ने इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से आयोग में काम उप हो गया था। सचिव आरके सिंह का कार्यकाल भी 21 जून को खत्म हो क गया है।
नवाचार आयोग के लिए कांग्रेस सरकार के समय अलग से बजट जारी ने किया गया था। बजट में राज्य नवाचार के आयोग के लिए 1.25 करोड़ रुपये ने बजट प्रावधान किया गया था। आदिम जाति कल्याण आयोग परिसर में इसका कार्यालय था। अध्यक्ष और सचिव के कमरे को तैयार करने लाखों रुपये खर्च हुए थे। मार्च 2024 तक 90 लाख 19 हजार रुपये खर्च हुए हैं। 2024-25 में भी आयोग को 1.25 करोड़ के बजट का आवंटन हुआ था। आयोग बनने के बाद इसकी कई बैठकें हुई। आयोग ने सात सुझाव सरकार को भेजे थे। इनमें आयोग ने खुद को भी बंद करने का सुझाव भी दिया था। राज्य शासन ने नवाचार को नए विभाग सुशासन और अभिसरण में शामिल करते हुए जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए पृथक रूप से सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन मार्च में किया।
सुशासन एवं अभिसरण विभाग का कार्य
भाजपा सरकार ने नए विभाग के रूप छत्तीसगढ़ सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। विभाग में प्रशासन के सभी स्तरों पर डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए इसके माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। विभाग नये विचारों एवं क्रिया विधि के संबंध में शोध और प्रशासनिक सुधार के कार्य भी करेगा। विभाग से सुशासन फेलोशिप और मुख्यमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदाय किया जाएगा। विभाग के अंतर्गत नीति विश्लेषण शिक्षण संस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग को इसमें रखा गया है।