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राज्य शासन का कड़ा रूख, दफ्तरों से गायब रहने वाले होंगे अब सेवा से बर्खास्त

तहलका न्यूज रायपुर// सरकारी दफ्तरों से अनाधिकृत तौर पर गायब रहने वाले शासकीय सेवकों पर अब कार्रवाई की गाज गिरेगी। राज्य शासन ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। वहीं इस माह से पहले तक विभिन्न विभागों में अनाधिकृत तौर पर अनुपस्थित रहने वाले ऐसे शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों की समीक्षा होगी। वहीं तीन साल से अधिक को अवधि तक अपने कार्यालयों से गायब रहने वाले ऐसे शासकीय सेवक सेवा से बर्खास्त भी किए जाएंगे। सभी कार्यालय प्रमुख राज्य शासन के निर्देशों के तहत समीक्षा कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। अगर राज्य शासन के निर्देशों के तहत कार्रवाई नहीं हुई तो कार्यालय प्रमुख पर जवाबदेही तय की जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्यालयों से अनाधिकृत तौर पर गायब रहने वाले शासकीय सेवकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने जोर पर दिया है। जीएडी ने दो टूक कह दिया है कि अपनी ड्यूटी से गायब रहने वाले ऐसे शासकीय सेवकों को विभागीय जांच कर इस अवधि तक निलंबित रखना कतई जरूरी नहीं है। इसकी वजह है कि ऐसे शासकीय सेवक निलंबन अवधि में निलंबन भत्ता की मांग करते हैं। यह भी निर्देशित किया गया है कि अगर कोई एक माह या इससे अधिक की अवधि तक लगातार अनुपस्थित रहे तो इस अवधि को पेंशन नियम एवं मूलभूत नियमों के प्रावधानों के तहत सेवा में व्यवधान माना जाएगा।

ऐसे शासकीय सेवकों का किसी भी तरह का अवकाश भी मंजूर नहीं करने कहा गया है। इतना ही नहीं बल्कि ऐसे शासकीय सेवकों के विरुद्ध सिविल सेवा नियम के प्रावधानों के तहत विभागीय जांच तत्काल शुरु की गंग जाएगी। वहीं यह विभागीय जांच भी छह सेवा माह की समय सीमा में पूरी कर ली मह जाएगी। राज्य शासन ने स्पष्ट कर दिया निजे है कि आरोप सिद्ध होने पर ऐसे को शासकीय सेवकों को सेवा से हटाने या कोर पदच्युत करने जैसा दंड दिया जाए।

15 दिनों में बताना होगा कारण
एक माह से ज्यादा समय से बगैर सूचना के अनाधिकृत तौर पर गायब रहने वाले शासकीय सेवकों तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं उन्हें 15 दिनों के भीतर हर हाल में जवाब भेजना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके पेंशन से संबंधित लाभ समेत सेवा के सभी प्रायोजन को सेवा पुस्तिका में इंद्राज किया जाएगा।

वित्त के पुराने निर्देशों का भी हवाला
सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश कुमार बंसल ने इस मामले में वित्त विभाग के पुराने निर्देशों का हवाला दिया है। जिसमें तीन साल से अधिक अवधि में गायच रहने वाले शासकीय सेवकों को सेवा से हटाने से संबंधित वित्त विभाग के फरमान को दोहराया गया। है। जीएडी ने सभी कलेक्टरों विभागाध्यक्षों, संभागायुक्त, जिला पंचायतों के सीईओ और राजस्व मंडल को निर्देश जारी किए हैं।

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