अहिवारा विधानसभा : निर्मल कोसरे का विरोध और डोमन लाल के अनुभव से रोमांचक हुआ मुकाबला …
अहिवारा विधानसभा : निर्मल कोसरे का विरोध और डोमन लाल के अनुभव से रोमांचक हुआ मुकाबला ...

तहलका न्यूज़ दुर्ग// छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, पूरे प्रदेश में दुर्ग जिला व्ही.आई.पी. जिला होने की वजह से इस जिले के नतीजों पर भी सभी की नज़र है। इस बार दुर्ग जिले के आरक्षित सीट अहिवारा विधानसभा से कांग्रेस ने मंत्री गुरु रुद्र कुमार की जगह दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष, भिलाई चरोदा महापौर निर्मल कोसरे को अपना प्रत्याशी बनाया है। वही भाजपा ने दो बार के विधायक शिक्षा जगत से जुड़े डोमन लाल कोरसेवाडा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, डोमन लाल कोरसेवाड़ा का अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में एक अलग पहचान है, स्वच्छ छवि के और शिक्षा जगत से जुड़े होने के कारण एवं जातिगत समीकरण में भी भाजपा प्रत्याशी की पकड़ मजबूत है।
कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने यहां से जैसे ही निर्मल कोसरे को अपना प्रत्याशी घोषित किया वैसे ही कांग्रेस में अंदरूनी कलह सामने आने लगी बता दे कि, दुर्ग ग्रामीण के जिला अध्यक्ष एवं भिलाई चरोदा के महापौर के रूप में निर्मल कोसरेे कई कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने पर कांग्रेसी कार्यकर्ता काफी नाराज है, एक ही व्यक्ति को सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने से कांग्रेसी कार्यकर्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं, जिसके कारण निर्मल कोसरे के लिए अहिवारा विधानसभा चुनाव में जीत मुश्किल नजर आ रही है, अहिवारा विधानसभा चुनाव क्षेत्र में पिछली विधानसभा में पीएचई मंत्री के रूप में गुरु रुद्र कुमार की भूमिका हम रही है, उनके समर्थकों की संख्या दी इस क्षेत्र में काफी है, वर्तमान समय में गुरु रुद्र कुमार नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं, कांग्रेस की कार्यकर्ताओं द्वारा दबी जुबान में चर्चा जोरों पर है कि सालों से कांग्रेस की सेवा करने के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने उन्हें महत्व नहीं दिया और एक ही व्यक्ति को जिला अध्यक्ष के रूप में महापौर के रूप में चयनित करने के बाद प्रत्याशी के रूप में भी निर्मल कोसरे के चयन से कांग्रेसी कार्यकर्ता हताश हैं, वहीं डोमन लाल जो की इस विधानसभा से दो बार के विधायक रहे हैं, शिक्षा जगत से आने के कारण उनकी छवि अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में एक समझदार और सुलझे हुए व्यक्ति के रूप में की जाती है, भाजपा की परंपरागत सीट डोमन लाल के चुनावी मैदान में उतरने से एक बार फिर भाजपा के पक्ष में जाती नजर आ रही है, ऐसे में देखना यह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं और निर्मल कोसरे के प्रत्याशी होने का कितना फायदा कांग्रेस को मिलता है, साथ ही अंदरूनी कलह का कितना नुकसान निर्मल कोसरे को उठाना पड़ेगा, नतीजा 3 दिसंबर को आएगा तभी यह पता चलेगा कि जनता किस पक्ष में अपना समर्थन दे रही है।