दुर्ग के प्राचीन किल्ला मंदिर में विराजमान हैं 700 वर्ष पुरानी हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा, इसका एक पैर जमीन के नीचे

तहलका न्यूज दुर्ग// प्राचीन सिद्ध पीठ किल्ला मंदिर में विराजित हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। यह मंदिर करीब 700 वर्ष पुराना है। कलचुरी काल की इस स्वयंभू प्रतिमा में हनुमानजी का दाहिना पैर जमीन के भीतर है। मान्यता के अनुसार दुर्ग के राजा जगतपाल को यह प्रतिमा तालाब में मिली थी। जिसकी प्रतिदिन पूजा के बाद ही राजा शिवजी पर जल अर्पित करने छातागढ़ के मंदिर सुरंग से जाया करते थे। उस सुरंग के कुछ अवशेष आज भी मंदिर में हैं। जब अन्य मान्यताओं के अनुसार यह प्रतिमा उस काल से भी प्राचीन है। श्री किल्ला मंदिर लोक न्यास दुर्ग के सहसचिव द्रोण ताम्रकार ने बताया कि सैकड़ों क्यों से दुर्ग के लोग किल्ला मंदिर में हनुमानजी के दर्शन के लिए प्रतिदिन पहुंचते है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर में भगवान का जलाभिषेक
पंचमुखी हनुमान संकट मोचन सेवा समिति द्वारा 23 अप्रैल को हनुमान जयंती पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम कराए जाएंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय ब्रह्मभट्ट ने बताया कि भक्तों द्वारा सुबह 7 बजे से शिवनाथ नदी स्थित महमरा घाट से कलश और कांवर में जल भरकर कांवर यात्रा निकाली जाएगी। सभी भक्त ब्राह्मण पारा स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करेंगे। दोपहर 2 बजे सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा। शाम को 7 बजे महाआरती के बाद महाभोग बटेगा। जानकारी गौतम वैद्य निरंकारी ने दी।
अहिवारा में प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा, कलश यात्रा आज
नदिनी अहिवारा नगर के 200 यूनिट वार्ड क्रमांक 9 टाउनशिप में 23 अप्रैल को सुबह 9 बजे कलश यात्रा के बाद भगवान हनुमानजी के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की सुबह 10 बजे से की जाएगी। इसके बाद प्रसाद वितरण होगा। वहीं दूसरे दिन 24 अप्रैल को भगवान शिवजी की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा सुबह 8 बजे से शुरू होगी। यह जानकारी मंदिर समिति के सदस्यों ने दी है। इधर हनुमान जयंती पर मंगलवार को वार्ड क्रमांक 7 में अनुज साहू द्वारा श्री मनोकामना पूर्ति पंचमुखी हनुमान मंदिर में दोपहर 2 बजे से पूजा-अर्चना करई जाएगी।