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दुर्ग ग्रामीण में खनिज विभाग का भ्रष्टाचार, विधायक चंद्राकर का संरक्षण या फिर अधिकारियों की मिली भगत…. जानिये पूरा मामला?

तहलका न्यूज दुर्ग// छत्तीसगढ़ में खनिज विभाग एक ऐसा विभाग है, जो प्रदेश को एक बड़ा राजस्व प्रदान करता है, परंतु दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में अवैध खनिज का परिवहन एवं खनन का कार्य इन दिनों जोरों पर है, हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर एवं खनिज अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता, अंडा क्षेत्र के ग्राम-भानपुरी में खेत बनाने के नाम पर एक (JCB) खनन मशीन एवं दो हाईवा गाडी अवैध रूप से मुरूम का परिवहन व खनन का कार्य कर रहे थे, जिसकी शिकायत करने के  लगभग 3 घंटे बाद खनिज विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्यवाही की। कार्यवाही होने के बाद भी इस मामले में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि हाईवा से मुरूम का परिवहन हो रहा था, उस हाईवा को खनिज विभाग द्वारा छोड़ दिया गया एवं एक अन्य हाईवा जो इस कार्य में संलग्न नही था, उसको पकड़ कर उस पर कार्यवाही दिखाई गई, जबकि मौके पर एक जेसीबी एवं दो हाईवा मौजूद थे, जिस पर खनिज विभाग के अधिकारियो द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही ना करना अनदेखी करना, अधिकारियों की भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना दर्शित करता है।

वही विश्वास सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम-भानपुरी के सरपंच द्वारा भी इसकी अनुमति न देना एवं मामले पर मौन रहना, सरपंच की ठेकेदारी और अधिकारियों से मिली भगत की ओर इशारा कर रहा है, ऐसी भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि अवैध खनन करने वाला ठेकेदार चंद्राकर परिवार से संबंध रखता है, और विधायक ललित चंद्राकर के नाम का इस्तेमाल कर इस अवैध खनन को अंजाम दे रहा है, इस बात की संपूर्ण जानकारी शिकायतकर्ता द्वारा सिलसिले वार खनिज विभाग, दुर्ग एसडीएम एवं जिलाधीश महोदय को दिया गया।  खनिज विभाग एवं एसडीएम द्वारा कार्रवाई में आनाकानी का ही अंजाम रहा, कलेक्टर महोदय ने कार्रवाई के लिए टीम भेजी।
एक अन्य वाहन जो परिवहन के कार्य में संलग्न नहीं था, पर खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही यह दर्शाती है कि मौके पर मौजूद जेसीबी एवं अन्य वाहनों को छोड़ना कहीं ना कहीं अधिकारियों की भ्रष्टाचार को अंजाम देना एवं ठेकेदार का चंद्राकर होना विधायक ललित चंद्राकर की छवि को खराब करने की अपरोक्ष कोशिश की गई है।

बता दें कि इन दोनों दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के अवैध खनन करने वाले ठेकेदारों द्वारा कई स्थानों पर विधायक के नाम का इस्तेमाल लगातार किया जा रहा है, वहीं अधिकारियों को शिकायत करने पर भी अधिकारियों द्वारा कार्यवाही को अंजन देने में आनाकानी करना कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाव व टेबल के अंदर के लेनदेन की ओर भी इशारा कर रहा है, अगर मामले पर जल्द ही संज्ञान ना लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो कोई बड़ी बात नहीं की दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में अवैध खनन एवं परिवहन का काम आने वाले समय में और जोर पकड़ेगा। ऐसी भी जानकारी मिली है कि इस क्षेत्र में रात के समय अवैध खनन का कार्य जोरों पर रहता है, खनिज विभाग की लापरवाही ही कहीं जा सकती है कि अवैध खनन के कार्य पर रोक लगाने में खनिज विभाग के अधिकारी असफल नजर आ रहे हैं, ऐसा ही मामला रेत परिवहन में भी देखने को मिलता है कि सुबह 8:00 बजे तक अगर उतई से दुर्ग मार्ग पर देखा जाए तो दर्जनों रेत की गाड़ियां बिना रायल्टी पर्ची के शहरों में प्रवेश कर रही है, परंतु इसकी प्रमाणित के साथ विभाग को जानकारी देने के बावजूद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करना, खनिज विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की ओर इशारा कर रहा है, देखना यह है कि मामले को दुर्ग विधायक ललित चंद्राकर एवं दुर्ग जिला कलेक्टर महोदय सुश्री रिचा प्रकाश चौधरी क्या संज्ञान में लेकर अवैध खनिज परिवहन करने वालों पर कड़ी और सख्त कार्रवाई करते हैं या फिर मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन की बात सिर्फ कागजों में ही शामिल रहेगी, और जिले में अवैध खनन व परिवहन का कार्य जोरों पर रहेगा।

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