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28 वा भोरमदेव मेला कार्यक्रम फ्लॉप: भोरमदेव महोत्सव निराशाजनक कार्यक्रम,पुरानी परंपरा खतरे में, जनता की उम्मीदों पर फिरा पानी

भोरमदेव महोत्सव स्थल में सन्नाटा छाया हैं क्यो?

कवर्धा। कबीरधाम जिला धर्मनगरी और भोरमदेव मंदिर बाबा भोलेनाथ खुजराहों के नाम से प्रसिद्ध है, लगभग 28 सालों से भोरमदेव में महोत्सव का रँगा रंग सुप्रसिद्ध गायक कलाकार, और छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुरूप कार्यक्रम का भव्य आयोजन होता रहा है, कबीरधाम के ऐतिहासिक, पुरातात्विक,धार्मिक, पर्यटन और जन आस्था का केंद्र के नाम से प्रत्येक वर्ष यह आयोजन होते रहा है, यह 28 वा महोत्सव है, इस मंदिर का ख्याति देश के अलग-अलग राज्यों तक फैली हुई है, यहां साल भर में देश, विदेश पर्यटकों, श्रद्धालुओं के रूप में आना-जाना रहता है। बाबा भोरमदेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद कृष्ण पक्ष के तेरस और चौदस को महोत्सव की यह परंपरा रही है, साथ ही सावन मास में मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है ।लेकिन इस वर्ष बेरंग दिखाई दे रहा है, विधिवत रूप से कार्यक्रम का आयोजन व प्रचार प्रसार की अभाव में भोरमदेव महोत्सव में सन्नाटा पसरा हुआ है,सालों की परंपरा को तार तार करने में जिला प्रशासन कोई कसर नही छोड़ा है।उत्साह के माहौल में पूरा कार्यक्रम प्रांगण खाली नजर आ रहा है, जिला प्रशासन खानापूर्ती कर वाह वाही बटोरने में लगा हुआ है, संस्कृति घरोहर को संजोने में कई साल लग जाते हैं लेकिन तोड़ने में मिनट नही लगता है।आचार संहिता लागू होने का हवाला देकर कार्यक्रम तो संचालित कर दिया गया है, पर ऐसे क्या मजबूरी बन गई कि ठीक से व्यवस्था नही करना, ना ही मेले में सजावट की गई है, और दो दिवसीय आयोजन पहले बार किया जा रहा है, जबकि तीन दिवसीय आयोजन विधिवत रूप से तैयारी कर किया जाता था, जनता नाखुश दिखाई दे रही है, और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है,जबकि कार्यक्रम में लाखों रुपए खर्च किया जाता है।चुनाव आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए

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