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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा हुए सम्मिलित

तहलका न्यूज दुर्ग// अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च 2024 की पूर्व संध्या पर अधिवक्ता संघ, दुर्ग द्वारा न्यायालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर गुरूवार 07 मार्च को अप्रान्ह  4ः30 बजे सम्मिलित हुए। उक्त कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति के साथ विशेष रूप से सुधीर कुमार, रजिस्ट्रार जनरल, छ०ग०उच्च न्यायालय बिलासपुर, एम.डी.एल.एन. सुब्रमण्यम, माननीय मुख्य न्यायाधीश के संयुक्त रजिस्ट्रार सह प्रधान निजी सचिव, रवीन्द्र सिंह नेगी, सहायक रजिस्ट्रार छ०ग०उच्च न्यायालय, बिलासपुर, तथा नीता यादव जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग, ऋचा प्रकाश चौधरी, कलेक्टर, दुर्ग,  जितेन्द्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक दुर्ग जिला न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, श्रम न्यायालय दुर्ग के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ दुर्ग की ओर से अध्यक्ष सुश्री नीता जैन व समस्त पदाधिकारीगण तथा समस्त सम्मानीय अधिवक्तागण उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उदबोधन नीता जैन, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग द्वारा किया गया। आज के कार्यकम के विशिष्ट अतिथि माननीय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा “दीप प्रज्जवलित“ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। माननीय न्यायमूर्ति द्वारा कार्यक्रम में उपस्थितजनों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि जितनी भी महिला अधिवक्ता हैं उनको महिला दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही उन्होंने दुर्ग जिले के सामान्य प्रशासन, न्याय व्यवस्था व अधिवक्ताओं की बागडोर महिला अधिकारियों के हाथों में होने का जिक्र किया। जिसके अंतर्गत जिले की न्याय व्यवस्था की बागडोर श्रीमती नीता यादव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग, प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला कलेक्टर दुर्ग व अधिवक्ता संघ की बागडोर नीता जैन, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ के हाथों में होने पर प्रकाश डाला। महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में है, चाहे वह न्यायपालिका हो. सामान्य प्रशासन विभाग हो, राजनीति में हो, चाहे वो अंतरिक्ष में हो, हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। महिलाओं को उनके त्याग भावना के कारण पुरूषों से अधिक महत्व दिया गया है। महिलाएं जो अपने परिवार को देखती हैं साथ ही कार्यक्षेत्र में पुरुषों के साथ को से कंधा मिलाकर कार्य भी करती है। यह बहुत ही सराहनीय है। महिला अधिवक्ताओं की भमिका को अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण बताते हुए उनके न्याय व्यवस्था के प्रति समर्पण की प्रशंसा किया। महिला दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाने के पीछे महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए माननीय न्यायमूर्ति ने “लैंगिक समानता’ के महत्व को उजागर किया। दुर्ग जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की भागीदारी के विषय पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त महिला न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं व अन्य न्यायिक कर्मचारियों को रविन्द्र नाथ टैगोर की पंक्तियों के माध्यम से संदेश दिया कि महिला शक्ति इस ब्रम्हाण्ड की सबसे पुरानी शक्ति है। ब्रम्हाण्ड की रचना इसी नारी शक्ति से हुई है तथा पूरी पृथ्वी इस शक्ति से घिरी हुई है। महिला शक्ति द्वारा हर बाधाओं को दूर करते हुए एक ऐसे समाज की स्थापना की जाए जहां समानता हो तथा जहां महिलाएं अपने आप को सशक्त व सुरक्षित महसूस कर सकें। कार्यक्रम के अंत में श्री प्रशांत जोशी उपाध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ द्वारा आभार व्यक्त एवं कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

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