कवर्धा: स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों की खरीदी का नही है स्टॉक रजिस्टर, बड़े पैमाने पर भरस्टाचार । उच्च स्तरीय जांच की दरकार कोरोना काल में रेमडेशिविर इंजेक्शन की अवैध खरीद फरोख्त होगा उजागर।

तहलका की अगली खबर :- स्टोर में अनियमितता के दोषी स्टोर कीपर “हरिलाल साहू” पर कार्यवाही से कतरा रहा विभाग।
कवर्धा :- जिले का स्वास्थ्य विभाग भरस्टाचारियो का चारागाह बन गया है। कोरोना काल में आम जनता की बेहतर इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल महराजपुर और कवर्धा में बनाया था। इसके लिए शासन से करोड़ों रुपए का आबंटन दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने उक्त दोनों संस्था को चालू करने के लिए प्राप्त बजट से ए. सी. टी. व्ही. फ्रिज, वाशिंग मशीन, टेबल, कुर्सी, पलंग गड्ढे, आक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, एव अन्य आवश्यक औषधि सामग्री खरीद किया था। स्वास्थ्य विभाग के पास महराजपुर और कवर्धा के कोविड हॉस्पिटल में क्या – क्या औषधि सामग्री फर्नीचर उपकरण आया इसका कोई लिखा जोखा नही है।
आर टी आई से हुआ खुलासा :- सीएमएचओ कार्यालय के जन सूचना अधिकारी को आवेदन लगाकर कोविड हॉस्पिटल महराजपुर और कवर्धा के औषधि सामग्री, उपकरण, फर्नीचर आदि के स्टॉक रजिस्टर की छायाप्रति मांगी गई। सीएमएचओ कार्यालय से जानकारी निरक बताया गया है।
उजागर होगा,रेमडेशिविर इंजेक्शन खरीद फरोख्त :- कोरोना काल में रेमडेशिविर इंजेक्शन को कोरोना मरीज किसी भी कीमत पर खरीदने मजबूर थे। तब जिला में 40 से 50 हजार की मोटी रकम अदा कर मरीज इसको खरीदे है। शासन ने इस इंजेक्शन को सरकारी अस्पताल में निःशुल्क उपलब्ध कराया था जिला के कोरोना हॉस्पिटल में कितनी इंजेक्शन आया कितने मरीज को लगाया गया इसका कोई हिसाब किताब स्टॉक रजिस्टर नही है, जो कोरोना काल में रेमदेशिविर इंजेक्शन की अवैध खरीद फरोख्त की पुष्टि करता है।
करोड़ों की लागत से खरीदी गई सामग्री के स्टॉक रजिस्टर नही होना।स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में सवाल खड़े होना लाजिमी है। यह एक गम्भीर वितीय अनियमितता है। घपले घोटाले और बंदरबाट की खेल में कौन कौन शामिल है, इसका सही खुलासा तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही होगी।



