दुर्ग विधानसभा:– भाजपा चली पुराने ढर्रे में, गजेन्द्र यादव हार की ओर बढ़ा रहे तेजी से कदम …

तहलका न्यूज दुर्ग// दुर्ग विधनसभा पिछले दो चुनाव में सीट की जीत कांग्रेस के प्रत्याशी ने नहीं जीती बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के भीतरी घात का ही परिणाम रहा की कांग्रेस को आसान जीत मिली।
सभी को मालूम है कि, दुर्ग भाजपा में गुटीय राजनीति किस कदर हावी है यहां पर विजय बघेल गुट, हेमचंद यादव गुट और डॉक्टर सरोज पांडे गुट तीनों ही अपने-अपने नेताओं के कट्टर समर्थक हैं। जिस तरह से दुर्ग कांग्रेस में पिछले 50 सालों से वोरा परिवार का दबदबा रहा है और वोरा परिवार के वर्तमान विधायक अरुण वोरा ना कभी विधायक से आगे बढ़ने की सोच हैं, और ना ही दुर्ग कांग्रेस से किसी को विधायक तक पहुंचने में मदद किए हैं दुर्ग कांग्रेस के कार्यकर्ता की आखरी मंजिल निगम पार्षद और महापौर तक ही सीमित हो गई है, दुर्ग कांग्रेस में संगठन की स्थिति निष्क्रियता की अपनी पूरी परिकाष्ठा के साथ आज भी अस्तित्व में है, पिछले 2 साल में कई बार शिकायत होने के बावजूद भी प्रदेश संगठन द्वारा दुर्ग कांग्रेस संगठन के परिपेक्ष में किसी भी तरह का कोई अहम फैसला नहीं ले सका है। ऐसा ही हाल दुर्ग में भाजपा का है, दुर्ग में भाजपा पर परोक्ष रूप से डॉक्टर सरोज पांडे गुट का कब्जा रहा है और यहां भी स्थिति यही रही है कि भाजपा का कोई कार्यकर्ता महापौर पार्षद से आगे नहीं बढ़ पाया, कहने को तो दुर्ग भाजपा से डॉक्टर सरोज पांडे केंद्रीय स्तर की नेता है और केंद्रीय संगठन में उनका तब दबदबा बरकरार है परंतु दुर्ग भाजपा से किसी अन्य गुट को सफलता मिली हो ऐसा स्वर्गीय हेमचंद यादव के बाद कोई भी नहीं हुआ एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा के लिए दुर्ग में भले ही गजेंद्र यादव पर भरोसा जताया हो परंतु व्यक्ति विशेष की उपलब्धि से ही चुनाव नहीं जीता जाता उसके लिए संगठन के हर व्यक्ति को अपनी पूरी कोशिश करनी होती है परंतु पिछले डेढ़ सालों से संगठन को मजबूती प्रदान करने वाले जिला अध्यक्ष के रूप में जितेन्द्र वर्मा ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पुनः भारतीय जनता पार्टी को संगठात्मक स्तर पर मजबूत किया था।
वर्तमान चुनावी माहौल में फिर से चुनाव संचालन में जो की चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं एक बार फिर सभी गुट के सदस्यों को दरकिनार कर दिया गया जिसका खामयाजा अपनी पूरी शिद्दत से मेहनत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र यादव को ही भुगतना होगा।
अभी दुर्ग से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित भी नहीं हुए हैं कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के चुनावी संचालन और महत्वपूर्ण भूमिका से हेमचंद यादव गुट विजय बघेल गुट और जिला अध्यक्ष गुट के लोगों को दरकिनार कर दिया गया है ।
अगर पुराने अनुभव की बात करें तो चुनाव संचालन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उन्हीं के हाथों में है जिन्होंने पिछले चुनाव में जिनके संचालन में पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था यहां तक स्थिति ये हो गई की 60 वार्ड के नगर निगम क्षेत्र में भी 15 सीट भारतीय जनता पार्टी को मिली भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बैठे पदाधिकारी अगर जल्द ही स्थिति नहीं सुधारे तो चुनाव संचालन में एक तरफा फैसला और परोक्ष रूप से भीतरी घात की चर्चा शहरों में होने लगी है यहां तक की कई भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी दबी जुबान में कह रहे हैं कि जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा की डेढ़ साल की मेहनत पुनः एक बार फिर बेकार हो जाएगी और एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में आंतरिक रूप से बिखराव हो जाएगा ।संगठन के बड़े पदाधिकारी के बीच में विवाद …
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों चुनावी प्रक्रिया में जिम्मेदारी और खर्च को लेकर दुर्ग भाजपा संगठन के दो महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के बीच में कार्यालय में ही वाद विवाद और मारपीट की स्थिति भी निर्मित हो गई थी स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि एक पक्ष थाने जाने को भी तैयार हो गया था किंतु वरिष्ठ पदाधिकारी की समझायिस से यह मामला दब गया परंतु इससे या तो स्पष्ट हो गया कि वर्तमान समय में संगठन में जिन्हें चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली हुई है के बीच आपसी मन मुटाव चरम सीमा पर पहुंच गया है, जो की अगर समय रहते नहीं संभाला गया तो मतदान के पहले तक स्थिति विकट भी हो सकती है।