भूपेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट बोड़ला नगर पंचायत की लापरवाही से आधी अधूरी और ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में मनमानी के चलते सड़क पर हो रही दुर्घटना का जिम्मेदार कौन…?
गौठान निर्माण कार्य में लापरवाही अब तक अधूरा है गौठान
नगर पंचायत बोडला में मवेशियों को रखने के लिए नगर पंचायत द्वारा 19.11 लाख का सर्व सुविधा युक्त गौठान बनाने टेंडर निकाला गया था जिसका कार्य एजेंसी मधु कंस्ट्रक्शन कवर्धा दिया गया था
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने विकास कार्यों के लिए नगर पालिका और नगर निगम एवं नगर पंचायत में करोड़ो रूपये नगरी प्रशासन द्वारा स्वीकृति दी गई है,जिसका उपयोग सही तरीके से हो और आमजन को लाभ मिले।
नगर पंचायत बोड़ला हैं में अधिकारी की कमजोरी के चलते हुए मूलभूत सुविधाएं से आमजन कोसो दूर है, cmo बोड़ला नगर में जब से अपना पदभार ग्रहण की है, तब से आज तक नगर की कोई भी वार्ड का निरिक्षण करने अपने चेम्बबर से निकला है, वार्डो में छोटी छोटी मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत रहती हैं लेकिन इनकी जैसे अधिकारी हो तो क्या कहना। ऐसे में निर्माण कार्य तो गुणवत्ता हीन बनेगा ही जिससे अपनी जिम्मेदारी की अहसास नहीं,जिसके चलते सड़क पर आये दिन गौ माता की हत्याएं हो रही हैं,साथ ही सड़क दुर्घटना में लोगो का मृत्यु अकारण वस हो रही हैं।ऐसे निष्क्रिय अधिकारी के लिए निर्वाचन अधिकारी द्वारा संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए, ताकि नगरवासियों को मूलभूत आवश्यकताओं के लाभ मिल सके और अन्य समस्याओं से निजात मिल सके।
पशु शेड रखने हेतु 10×20 मीटर एवम 10×15 मीटर के दो शेड निर्माणधीन है लेकिन स्ट्रचर में बिना कालम के दीवार उठाया जा चुका है उसके बाद कालम हेतु ईट को निकाला गया है जिसमे छड़ के कालम हेतु मात्र 3 से 4 इंच गढ्ढा खोदा गया है जो की पशु शेड का भार सहन नही कर पाएगी जिससे भविष्य में पशु शेड हवा के दबाव से गिर सकता है एवम पशु धन की जन हानि हो सकती है
नगर पंचायत बोडला द्वारा मधु कंस्ट्रक्शन कवर्धा को कार्यादेश 28/02/2023 को 06 माह में कंप्लीट करने हेतु दिया गया था लेकिन 08 माह होने के बाद भी कार्य अधूरा पड़ा है नगर पंचायत प्रशासन के मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा विकास कार्य को अवरुद्ध किया जा रहा है
गौठान निर्माण में अब तक न तो बोर खनन हुआ है न ही पाथवे हेतु पेवर ब्लॉक लगाई गई है और न ही इलेक्ट्रिक पोल लगाया गया है इसके अलावा गौठान में पेड़ो की सुरक्षा हेतु ट्री गार्ड का निर्माण भी नही किया है मवेशी के पानी पीने हेतु कोटना का निर्माण भी अधूरा है सोखता गढ्ढा एवम कंपोस्ट खाद्य गढ्ढा का भी निर्माण अब तक नहीं हुआ है
अब तक आठ महीने में आधा निर्माण कार्य भी नही हुआ है राज्य सरकार द्वारा नगर पंचायत को मवेशी को सुरक्षित रखने हेतु बड़ी धनराशि दी गई थी लेकिन भूपेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट नगर पंचायत की लापरवाही से आधी अधूरी पढ़ी हुई है।