कवर्धा, बोड़ला: हाईकोर्ट आदेश का खुला उल्लंघन,अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के अनदेखी….

कवर्धा,बोड़ला।। हाई कोर्ट आदेश का खुला उल्लंघन नगर पंचायत बोडला मवेशियों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है। क्योंकि एक दिन के अंतराल में सड़क हादसे में मवेशियों की मौत हो रही है। नगर के सड़के मवेशियों के खून से लाल हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार ठोस कार्रवाई के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। ऐसे में अब नगरवासियों में आक्रोश पनपने लगा है।
नगर पंचायत बोडला से होकर नेशनल हाईवे गुजरती है। इसके चलते 24 घंटे छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता रहता है। सड़क पर बैठे मवेशी तेज रफ्तार वाहनों के चपेट में आकर मौत को लगे लगा रहे हैं। रोजाना एक दो मवेशी सड़क दुर्घटना में मौत हो रहे हैं। अधिकारियों द्वारा बचाव के लिए कोई विचार मंथन किया तो शायद ऐसी स्थिति नहीं बनती। जैसे वर्तमान में बनी हुई हैं। हाइवे में पर मवेशियों के बैठे रहने का एक वजह नगर में गोठान का अधूरा होना है। गौठान निर्माण का कार्य प्रारंभ तो हुआ, लेकिन पूर्ण नहीं हो पाया है। ऐसे में गौठान भी अधूरा पड़ा हुआ है। शनिवार को नैशनल हाइवे पर दो मवेशियों की अकाल मौत हो गई। इससे मवेशियों की सुरक्षा पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
हाईकोर्ट आदेश का खुला उल्लंघन
हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद प्रशासन सड़कों पर विचरण कर रहे घुमंतु मवेशियों को गौठान पहुंचाने और पशु मालिकों पर सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित नगर पंचायत द्वारा दिया तो गया था, लेकिन इस पर कोई उचित पहल नहीं हो रही है। नेशनल हाईवे फोरलेन पर दो पशुओं की अकाल मौत हो गई। नगर पंचायत बोडला में नेशनल हाईवे पर बीती रात अज्ञात वाहन ने सड़क पर बैठे मवेशियों को कुचल दिया, जिसमें दो मवेशी की मौत हो गई। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद भी नगर पंचायत में बैठे जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मवेशियों के सुरक्षा के लिए कोई कारगर पहल करते नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं प्रदेश सरकार के महत्वकांक्षी योजना भी नगर पंचायत में मूर्त रूप नहीं ले रहा है। इसके चलते न केवल मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं, बल्कि लोगों में भी नाराजगी है
गौठान में भी नजर नहीं आते मवेशी

‘ग्रामीणों ने बताया कि आसपास गौठान होने के बाद भी पशुओं को वहां नहीं रखा जाता, जिसके कारण मवेशी सड़कों पर विचरण करते रहते हैं और खेतों में घुस कर फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। रात को नेशनल हाईवे पर बैठ जाते हैं। कई बार रात के अंधेरे में मवेशी नजर नहीं आते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। जिसे रोड़ में बैठने से पशुओं की मौत हो रहे है।