कवर्धा: जिला प्रशासन की कमजोरी व कसावट के चलते छात्रावास में कोई न कोई घटना रोज हो रही हैं क्यो ?,साहब को बड़ी घटना का इंतिजार हैं क्या ? देखिए तस्वीरें….
लापरवाही का आलम: छात्रवासों में अधीक्षक निवास नही करते जिम्मेदार कौन हैं, जिला प्रशासन की कसावट की कमी के कारण जिला के सभी छात्रवासों में घटना देखने व सुनने को रोज मिल रहा है।
कवर्धा। कबीरधाम जिला के ग्राम पंचायत दामापुर में स्तिथ आदिवासी छात्रवास के अधीक्षक की लापरवाही सामने आई और चूक हुई है कि बच्चों की भविष्य खतरे दामापुर आदिवासी छात्रावास के 11 बच्चे बिना बताए छात्रावास से 14 किलोमीटर पैदल ग्राम महली पहुंच गए थे बच्चो से पूछने पर बताया कि रक्षा बंधन मनाने के लिए अपने घर अमनिया जा रहे थे।
जब सुबह 6 बजे महली पहुंचने पर वहां के लोगों ने शंका होने पर कलेक्टर ऑफिस में फोन किया तब यहां से टीम जाकर के और कुंडा के अधीक्षक व दामापुर के दो चपरासी जाकर वहां उन बच्चों को गाड़ी में बिठाकर वापस छात्रावास ले जाया गया और सच्चाई आपको यह बता दे की विभाग के द्वारा अपने गलती को स्वीकार नहीं किया जा रहा है जबकि सही खबर का विभाग के पी.आर.ओ. के माध्यम से खबर प्रकाशित करने खंडन किया जा रहा है जो गलत है…….
एक साइड जब मीडिया के समाचार से विभाग अच्छा दिखाने का प्रयास करता है तो अच्छा वही मीडिया विभाग के गलत गतिविधियों को दिखाने की कोशिश करता है तो उस अधीक्षक या जवाबदारी लोगो पे कार्यवाही ना करके उल्टा मीडिया को बदनाम करके उनके समाचारों को खंडन किया जाता है।
आप वीडियो में स्पष्टरूप से उसे बच्चों की बात सुन सकते हैं कि वह बच्चे पैदल आना स्वीकार कर रहे हैं और बिना बताए आना स्वीकार कर रहे हैं तो ऐसे में विभाग के द्वारा बताया जा रहा है कि वहां के कर्मचारी उन बच्चों के साथ थे तो कर्मचारी दामापुर से कुंडा और कुंडा से फिर पैदल उनको महली कैसे ले गए? और जब वहां पर उनके जवाबदार कर्मचारी थे तो जब यह लोग वहां पर वीडियो बना रहे थे बच्चों का बाइट ले रहे थे तब वह कर्मचारी कहां थे?
और आप विभाग के ही अधिकारियों को भेज करके उनके ही विभाग के जो लापरवाह पूर्वक काम करने वालो की जांच करा रहे हैं बेहतर तो यह होता के रिपोर्टिंग और समाचार के दिखाने कि आप किसी दूसरे विभाग से उस विभाग की समीक्षा और जांच कराते …. बेहतर होगा आम जनता को गुमराह करने की कोशिश न करे जो सच्चाई उसे स्वीकार करे……..
वीडियो से स्पष्ट हो रहा है कि वह बच्चे छात्रावास से भागे हुए हैं सुबह- सुबह महली पहुंचे हुए हैं इन सब नाकामी और लापरवाही को दबाने के लिए कोई आधिकारी और कर्मचारी जवाब नहीं दे रहे हैं। अब देखना है कि जिला प्रशासन इस मामले पर कोइ ठोस कार्यवाही करेंगे क्या? क्या इंतिजार करेंगे कोई बड़ी घटना का?