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छत्तीसगढ़ के इतिहास में काला दिन, 45000 से अधिक संविदा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिया इस्तीफा

एस्मा लगाने से क्रोधित हुए कर्मचारियों ने सरकार को दी चेतावनी

संविदा कर्मचारियों के द्वारा राज्यपाल के नाम से इच्छा मृत्यु हेतु कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन

कवर्धा: छत्तीसगढ़ सर्व संविदा कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी एक सूत्री मांग नियमितीकरण को लेकर 03 जुलाई 2023 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। आज 45000 से अधिक संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन के 11 वे दिन में 33 जिले के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सामूहिक त्यागपत्र सौप दिया है। आपको बता दे कि राज्य सरकार के द्वारा हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारियों पर एस्मा लगाने से क्रोधित कर्मचारियों ने यह कदम उठाकर छत्तीसगढ़ के इतिहास में काला दिन लिख दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे चुंकि यह पहला मामला होगा कि किसी भी कर्मचारी संगठन ने इससे पहले इतना बड़ा कदम उठाया हो ।

छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेन्द्र तिवारी एवं जिला कार्यकारी अध्यक्ष बृजलाल पटेल ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण नही करने एवं कर्मचारियों पर एस्मा कानून लगाये जाने पर महासंघ घोर निंदा करता है और इसे तत्काल निरस्त नहीं करने के कारण सामूहिक इस्तीफा का कदम उठाया गया। कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था, कि समस्त संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण एवं किसी भी संविदा कर्मचारी की छटनी नहीं की जाएगी यह वादा की थी किंतु इसके विपरीत कड़ा दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। हमारी एक सूत्रीय मांग चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे।

संविदा कर्मचारियों के द्वारा राज्यपाल के नाम से इच्छा मृत्यु हेतु कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन

महासंघ के जिला प्रवक्ता तोपान सिंह दायमा एवं मनोज जायसवाल ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी से हमे फर्क नही पड़ता यह कर्मचारी जगत के लिए संवेदनहीनता की पराकाष्ठा वाला आदेश है हम समस्त कर्मचारी जगत से इसका विरोध में सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए अपील करते हैं, यह आंदोलन बिना लक्ष्य पूर्ति के समाप्त नहीं होने वाला है।

छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के जिला संयोजक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि “कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया गया था कि हमारी सरकार बनते 10 दिन में सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा. सत्ता में आने के बाद अब साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद भी संविदा कर्मचारी को नियमित नहीं किया गया है जिसे लेकर सभी संविदा कर्मचारियों ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु का ज्ञापन 14 जुलाई को कलेक्टर को सौंपा जाएगा।

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