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कवर्धा: 60 हजार का नशा इतना गहरा हुआ की मंत्री किसानो को और उनके मांगो को ही भूल गए: किसान संघ

कवर्धा लोहारा ब्लाक में 26 गाँव ऐसे है जिनके लिए ये सवाल बेहद महतवपूर्ण है पर उनका महत्व बहोत कम है उनकी नजर में जिनसे ये सवाल किया जाता रहा है|किसानो को नाम का अन्नदाता और काम का मुर्ख बनाना शायद कवर्धा जिला के मंत्री,सिंचाई मंत्री और राजनितिक दल के लोग अच्छी तरह से जानते है|तभी तो 60 सालो से भी ज्यादा समय से यहाँ के किसान मुर्ख बन जनप्रतिनिधि चुन रहे है,और तो और पिछले चुनाव में मौजूदा मंत्री को रिकॉर्ड 60 हजार से भी ज्यादा मतों से इसीलिए जिताया की वो किसानो की मांग को ध्यान में रख उसे पूरा कराये लेकिन लगता 60 हजार का नशा इतना गहरा हुआ की मंत्री किसानो को और उनके मांगो को ही भूल गए|वर्तमान में मंत्री का मुंह गलती से भी सुतियापाठ बोलने से डरते है| हाँ सही समझे यहाँ बात सुतियापाठ की ही हो रही है|सुतियापाठ एक ऐतिहासिक कथा से कम नहीं है लोहारा के उन 26 गांवो के लिए जहाँ नहर विस्तार प्रस्तावित हुआ है आज से 5 साल पहले और वो भी कई दशको की लड़ाई और मांग के बाद| सुतियापाठ जिसके लिए लड़ते एक पूरी पीड़ी ख़त्म हो गयी दूसरी पीड़ी लड़ रही है और तीसरी पीड़ी उसे सहयोग कर रही है|सुतियापाठ की माँग आज से 60 साल पहले मध्यप्रदेश से शुरू हुई| न जाने कितने नेता,विधायक,सांसद और मंत्रियो के आश्वाशन और भरोसा किसानो को इन 60 से भी ज्यादा वर्षो में दिया गया|इनमे से बहुतो ने तो कई बार भूमि पूजन तक कर दिया| जिसके बदले किसानो का भरपूर वोट और समर्थन इनको मिलता रहा और ये उससे अपना राजनिति चमकाते रहे| इस दौरान मध्यप्रदेश से अलग 2001 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ 2003 मुख्यमंत्री अजित जोगी के द्वारा सुतियापाठ बांध बनाना स्वीकार कर लिया गया|

बांध बना लेकिन नशीब नहीं बदला
सुतियापाठ बांध 2003 से बनना शुरू हो कर 2008 में तैयार हुआ लेकिन तब तक राज्य का मुख्यमंत्री बन गए रमन सिंह| जो सुतियापाठ से सम्बंधित 26 गांवो के किसानो के लिए सबसे बड़े निराशा साबित हुए|वो इसलिए की बांध के बनना शुरू होने से लेकर बांध बन जाने के बाद कुल 15 साल मुख्यमंत्री रहते इन्होने किसानो के साथ पूरी तरह छल किया| इनके रहते बाँध बना और पानी साजा और बेमेतरा को जाने लगा जो अब तक जा ही रहा है|बांध की क्षमता 7050 हे.को सिंचित करने की है जिसमे से 4100हे का पानी अभी तक साजा और बेमेतरा को जा रहा है 2014से भारतीय किसान संघ किसानो को साथ लेकर नहर विस्तार के लिए लगातार शासन प्रशासन से लड़ता रहा है|क्षेत्र के किसानो को बचत पानी में ही संतुष्ट होने की बात कर कई बार फिर से मांग किये और आंदोलन किये तब जाकर 2018 में मौजूदा सरकार के द्वारा आचार संहिता लगने के 2 घंटा पूर्व सरकार के द्वारा भूमिपूजन कर 16.50 करोड़ की राशी स्वीकार किया गया| आगे राज्य में किसानो के द्वारा सरकार बदल दिया गया और इसी सरकार के मौजूदा मंत्री मोहम्मद अकबर को क्षेत्र के जनता ने 60 हजार मतों से इसलिए जिताया की शायद ये वर्षो की मांग को पूरा करदे जैसा की ये हर चुनाव में बोलते रहे थे|लेकिन मंत्री बनते ही इनको न अपना वादा याद रहा न 60 हजार से ज्यादा मतों से जिताने वाले मतदाता| जिन किसानो ने इनको इतना भरी मतों से जिताया और जिनसे इनका वादा पहले सुतियापाठ नहर विस्तार कराने का था ये दोनों को ही भूल गए|
किसान करेंगे चुनाव बहिष्कार
संयोग की बात है अब आनेवाला समय चुनाव का ही है अतः अब किसान भी नेताओ को भुलाने की तैयारी कर रहे है | किसान चुनाव में अब नेताओ से मांगने की नहीं वरन चुनाव का ही बहिष्कार की तैयारी कर रहे है| किसान गाँव गाँव में जाकर अन्य किसानो को इसके लिए जागरूक कर रहे है| किसानो के द्वारा अपने आस पास के गाँव में बैठक आयोजन कर उनसे भी मदद मांगी जा रही है जिससे मौजूदा स्थिति ऐसी बन रही है की सुतियापाठ से लाभान्वित होनेवाले 26 गाँव के अलावा बड़ी संख्या में अन्य किसान भी सहयोग करेंगे| इसकी शुरुवात आज भारतीय किसान संघ के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी स /लोहारा को ज्ञापन देकर किया गया| भारतीय किसान संघ क जिला अध्यक्ष डोमन चंद्रवंशी, अरविन्द शर्मा, परस वर्मा ब्लाक अध्यक्ष लोहारा संजय साहू उपाध्यक्ष शिवकुमार वर्मा,मूलचंद साहू मंत्री जयनारायण साहू सह मंत्री मुकेश ठाकुर,तारा साहू इत्यादि प्रमुख कार्यकर्ताओ की उपस्थिति में आज अनुविभागीय अधिकारी को स्पष्ट लिखित ज्ञापन देकर चेताया गया है की अगर 10 जुन तक 16.50 करोड़ की राशी से नहर विस्तार कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता और बाकि राशी प्रशासन द्वारा स्वीकृत कर नहर विस्तार पूरा नहीं किया जाता तो प्रस्तावित 26 गांवो से प्रत्येक सप्ताह 1 गाँव चुनाव बहिष्कार का संकल्प पत्र अनुविभागीय अधिकारी को सौपेंगे| जिसकी तैयारी की शुरुवात आने वाले रविवार को ग्राम बिचारपुर में बैठक कर भारतीय किसान संघ करेगा| इस शुरुवाती बैठक में ज्यादा से ज्यादा किसानो को शामिल होने का आग्रह भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी किसानो से करेंगे|

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