छत्तीसगढ़ स्पेशलदुर्ग जिला

अस्पताल में नर्स की लापरवाही से गई नवजात शिशु की जान, जानिए क्या है पूरा मामला…

दुर्ग| भिलाई स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में नर्स की लापरवाही से एक नवजात शिशु की जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि नर्स ने जबरदस्ती क्रिटिकल केस होने के बाद भी नॉर्मल डिलीवरी कराई। प्रसूता को दर्द का इंजेक्शन दिया फिर पेट को इतना पुश किया कि बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच करने की बात कही है।

भिलाई तीन चरोदा वार्ड 27 निवासी उमेश कुमार रवानी (38 साल) ने बताया कि उसकी पत्नी संतोषी रवानी को 29 मार्च को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में भर्ती कराया था। सभी जांच के बाद डॉक्टरों ने संतोषी को प्रसूता वार्ड में एडमिट कर लिया। 30 मार्च की रात लेबर पेन होने लगा। जब नर्स को बुलाया तो वो चिल्लाने लगी। उसका कहना था कि उसकी शिफ्ट खत्म हो गई है। उसी समय लेबर पेन होना था।

घरवालों ने दबाव बनाया तो नर्स उसे ओटी ले गई। वहां उसने गर्भवती को दर्द के इंजेक्शन लगाए और जबरदस्ती नॉर्मल डिलीवरी कराने की कोशिश करने लगी। बच्चे के गले में नाल फंसी होने के चलते उसका दम घुटने लगा और वो पेट के अंदर ही मर गया। जब बच्चा मृत पैदा हुआ नर्स ने तुरंत उसे दुर्ग अस्पताल रेफर कर दिया।

अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वामी देव भूपेंद्र देवांगन का कहना है कि अस्पताल में गायनेकोलॉजिस्ट नहीं है। वो एक डॉक्टर के भरोसे किसी तरह इलाज कर रहे हैं। ऐसे में सिजेरियन डिलीवरी करने में काफी परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि इसके लिए उन्होंने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वामी देव भूपेंद्र देवांगन का कहना है कि सिस्टर ने डिलीवरी कराई थी। नर्स ने अगर कहा कि उन्हें घर जल्दी जाना है तो ये गलत है। बच्चे की अगर लापरवाही से मौत हुई थी तो उसका पीएम होना था, लेकिन उसे दुर्ग अस्पताल भेजा गया। वहां उसे दफनाया क्यों गया।

Related Articles

Back to top button