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कवर्धा: आखिर किसकी शह पर यहां बिक रहा खुलेआम गांजा.. क्या पुलिस की संरक्षण में फल-फूल रहा यह अवैध कारोबार.. आखिर शिकायत के बाद भी क्यों नही होती कार्यवाही ?…

कवर्धा – जिले के बोड़ला थाने अन्तर्गत बोड़ला नगर व आसपास के गाँव में अवैध गांजे व शराब का व्यापार खुलेआम धड़ल्ले से किया जा रहा है, नगर समेत गांव की गलियों में बिक रही यह नशीली वस्तुएं युवाओं की जिंदगी तबाह कर रही है । सुत्रो की बात मानें तो इस थाना में 10 माह से स्थिति यह हो गई है कि नगर,गांव में जगह-जगह खुलेआम गांजे व नशीली दवा व शराब की बिक्री हो रही है। गली मोहल्ले में गांजा आसानी से मुहैया हो रहा है। लेकिन प्रशासन जानबूझकर बेखबर और मोन बना हुआ है। क्षेत्र चल रहे इस अवैध कारोबार की जोर शोर से चल रही है जगह-जगह अवैध गांजा एवं शराब बेचा जा रहा है, और यह सब कारोबार पुलिस की मिलीभगत से फल फूल रहा है।

इन पर नहीं होती कार्यवाही आपकों बता दें कि जब भी पुलिस कप्तान के द्वारा निर्देशित किया जाता है कि अपने अपने क्षेत्रों में अवैध कारोबार पर अभियान चलाकर उन पर शिकंजा कसे लेकिन इधर इस थाना प्रभारी को कोई असर नहीं पड़ता है और नहीं इन अवैध कारोबारियों पर चाबुक चलाता है इसलिए इस क्षेत्र में काफी दिनों से गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा है। गांव गांव तक फैला यह व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा है। यह खेल कमीशन का खेल हैं तो चलेगा और दौड़ेगा भी।

लेकिन इन कारोबारियों के ऊपर किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लगा पा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र में आए दिन अपराध और युवा पीढ़ी इस घातक नशे की लत में डूबते जा रहें हैं।

जहां मौक़ा मिला चढ़ा लेते हैं-अक्सर देखा जाता है कि नशे के आदि व्यक्ति कही भी चिलम सुलगाने लगते हैं। चाहे वह सार्वजनिक स्थान हो या फिर खुला मैदान, इतना ही नहीं इस तरह का नशा करने लोग सड़क के किनारे भी बैठ कर चिलम चढ़ाने लगते हैं। जानकारी के अनुसार गांजे का कारोबार रसुखदार और इस नशे को अधिकतर युवा छोटे तबके के लोग कर रहे हैं।

इन जगहों पर हो रही खुलेआम बिक्री- गांव में अवैध रूप से बिक रहे गांजा जगह-जगह मुहैया कराया जा रहा है। क्षेत्र में आसानी से खुलेआम गांजा और अवैध शराब बेची जा रही है। लेकिन इसकी जानकारी सिर्फ आबकारी और पुलिस प्रशासन को नहीं है। पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने से बेखौफ करोबारी नशे के नाम पर मौत के समान को खुले तौर से बेच रहे हैं।

पुलिसकर्मियों के संरक्षण में चल रहा कारोबार – गांव एवं क्षेत्र गांजे की बिक्री के लिए बदनाम है। और बेधड़क गांजा शराब नशीली दवा बिकता है। यह करोबार नगर व गाँव में बेधड़क होता है मगर पुलिस को कभी गांजे का कारोबार करने वाले नजर नहीं आते। कुछ तो पुलिसकर्मी के संरक्षण में गांव का यह इलाका युवाओं को गांजे की लत लगाकर खोखला कर रहा है।

यह है पुड़िया के रेट-इन क्षेत्रो में गांजे का करो पुड़िया में होता है पुड़िया के दाम भी ग्राहक के हिसाब से तय होता है। डेरे में 100रूपए से लेकर 200 रूपए तक की पुड़िया उपलब्ध है। 100 रूपए थोड़ा थोड़ा पतला और 200 रूपए गांजा मोटा होता है। गांजा पीने वालों की भाषा में उसे बाबा की जड़ी- बूटी, प्रशाद, पुड़िया आदि के नाम से बुलाया जाता है।

युवा पीढ़ी हो रही बरबाद क्षेत्र में नशाखोरी का – सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शराब के नशे से तो हर कोई परिचित हैं लेकिन इन दिनों क्षेत्र के युवा वर्ग गांजे के नशा का खुमार चढ़ा हुआ है। इस नशे की गिरफ्त में दस साल से लेकर अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। जिनको इस नशे की लत ने इस कदर जकड़ रखा है कि क्षेत्र के आसपास के कई ऐसे ठिकाने बन चुका है जहां गांजा शराब के नशे का मजा लेने युवा पीढ़ी से लेकर बच्चे, बूढ़े पहुंचते हैं। ज्ञात कि गांजा प्रेमियों को गांव में गांजा बडी आसानी से उपलब्ध हो जाया करता है और यह सिलसिला अभी नहीं बल्कि सालों तक रोकथाम नहीं किया जा सका है लेकिन गांजा के नशे की लत में अब युवा वर्ग ज्यादा डूबते जा रहे हैं। जो योजना इस नशे के आदि बन चुके हैं और सबसे चौंकने वाली बात यह है कि इनमें से कई अच्छे परिवारों से नाता रखने वाले युवा लोग हैं जिनको इस नशे की लत बूरी तरह लग चुकी है।

पुलिस कप्तान की कमजोरी- कारण यह है कि पुलिस अधीक्षक की कसावट की कमी की वजह से मौज कर रहे बोड़ला थाना प्रभारी,जबकि कई बार इस तरह मामले में अप्रिय घटना घटित हो चुकी है,सीधी बात कहे तो पूरी लापरवाह अधिकारी की जिम्मेदारी है अगर जल्द ही पुलिस कप्तान इस विषय की सही समय मे संज्ञान नही लेते हैं, तो बड़ी घटना घट सकती हैं,जिसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ?

अब इस थाना में पदस्थ जमें बेखौफ विभीषणों की बजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है जिसका खामियाजा युवा पीढ़ी उठा रही है। और अब पुलिस कप्तान का इस ओर शिकंजा कसने का इंतजार लोग कर रहे …..

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