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खालिस्तान समर्थक के पक्ष में रैली निकालने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर:  खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के पक्ष में निकाली गई रैली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। खालिस्तान समर्थक के पक्ष में रैली निकालने वालों को पुलिस ने नोटिस जारी किया है। साथ ही रैली निकालने वाले आयोजक और उनके दो साथी  आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मुद्दा विधानसभा में भी उठा। भारतीय जनता पार्टी के विधायको ने रायपुर में देश विरोधी गतिविधियां बढ़ने के दावे के साथ पुलिस के विफल होने का आरोप सरकार पर लगाया।

रैली का आयोजन करने वालों के सुर भी बदल चुके हैं। अमृतपाल को निर्दोष बता रहे रैली के आयोजकों ने पुलिस का नोटिस मिलने के बाद कह दिया है कि उन्हें अमृतपाल से कोई लेना देना नहीं है। न ही वह खालीस्तान का समर्थन करते हैं। आयोजकों ने कहा है कि, उन्हें बदनाम करने के लिए खालीस्तान समर्थक से जोड़ा जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है।

सिख संगत की ओर से निकाली गई इस रैली के आयोजक दलेर सिंह और हरप्रीत सिंह रंधावा का गुरुवार को रायपुर पुलिस ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में दलेर सिंह ने कहा है कि उन्हें खालीस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिखों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। और धर्म उन्हें इसकी इजाजत देता है। वह देश विरोधी या खालिस्तान समर्थक नहीं है। हालांकि बुधवार को खालीस्तान समर्थक अमृतपाल को लेकर दलेर सिंह ने कहा था कि अमृतपाल धर्म का काम कर रहे हैं। युवाओं को नशे से दूर करके धर्म के साथ जोड़ा। इस वजह से सरकारी एजेंसियां अमृतपाल के खिलाफ हैं।

रैली के आयोजन से जुड़े हरप्रीत सिंह रंधावा का नया बयान सामने आया है। उन्होंने गुरुवार को पुलिस की नोटिस के बाद वीडियो जारी कर कहा है कि, अमृतपाल या खालीस्तान से उन्हें कोई लेना देना नहीं है । अमृतपाल पर भी जो कार्रवाई करनी है। वह कानून के दायरे में रहकर की जानी चाहिए। पंजाब में बहुत से युवाओं को बेवजह जेलों में डाला जा रहा है। इसी का विरोध रैली के माध्यम से किया गया था। हम खालीस्तानी नहीं हैं।

सिख संगत का नाम लिखकर एक पोस्टर पर अमृतपाल पर हो रही कार्रवाई का विरोध जताते हुए एक रैली निकाली गई। यह रैली तेलीबांधा गुरुद्वारे से होती हुई पंचशील नगर आम आदमी पार्टी कार्यालय पहुंची । यहां पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का पुतला जलाया गया। अमृतपाल के समर्थन में जिंदाबाद के नारे लगाए गए। अमृतपाल खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख है। पंजाब पुलिस अमृतपाल और उसके साथियों की गिरफ्तारी में जुटी हुई है।

विधानसभा में विपक्ष के नेताओं ने अमृतपाल के समर्थन में रैली निकाले जाने का विरोध करते हुए बवाल किया। इस पर विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- पिछले 4 साल में छत्तीसगढ़ में आपराधिक मामले बढ़े हैं।अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। लेकिन कल (बुधवार 22 मार्च) हद तब हो गई जब रायपुर शहर में खालिस्तानी समर्थक खुलेआम नारा लगाते हुए देश विरोधी नारे लगाए। पुलिस के पास कोई इंटेलिजेंस नहीं रही।इनकी इंटेलिजेंस अक्षम साबित हुई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है खालिस्तानी भारत के टुकड़े टुकड़े करने की सोचते हैं। जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

अमृतपाल ने कुछ समय पहले पंजाब में सबसे पहले ड्रग्स के विरोध में अभियान चलाया। अमृत प्रचार अभियान शुरू किया, जिसका मकसद लोगों को निहंग सिख का हिस्सा बनाना था। खालिस्तान समर्थक भिंडरावाले को अपना आदर्श मानने वाले अमृतपाल सिंह का कहना है, “मैं जरनैल सिंह भिंडरावाले की पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हूं, मैं तो सिर्फ भिंडरवाले के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहा हूं।

अमृतपाल ने पंजाब को ड्रग्स मुक्त बनाने की मुहिम के बहाने उसने बड़ी संख्या में युवाओं को अपने साथ जोड़ा और उन्हें खालिस्तान के लिए प्रेरित किया। खालिस्तान का समर्थन करने की वजह से ही भारत सरकार ने अक्टूबर में ही उसका ट्विटर अकाउंड तक सस्पेंड कर दिया। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री ने एक बयान दिया कि पंजाब में खालिस्तान समर्थित गतिविधियों पर सरकार की नजर है। अमृतपाल ने तब कहा, “शाह को कह दो कि पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान की बात करता है। जो करना है कर लें। हम अपना राज मांग रहे हैं, किसी दूसरे का नहीं। हमें न इंदिरा हटा सकी थी और न ही मोदी या अमित शाह हटा सकते हैं।

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