भाजपा विधानसभा में उठाएगी धर्मांतरण का मुद्दा: शव दफनाने को लेकर दो पक्षों में हुआ जमकर विवाद, जानिए क्या है पूरा मामला…
बस्तर जिले के एक गांव में शव दफनाने को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद ने अब राजनीतिक तूल पर उतर आया है। भाजपा की 11 सदस्यीय जांच टीम गांव पहुंची। ग्रामीणों से मुलाकात की। इस जांच टीम में शामिल भाजपाइयों का आरोप है कि, ईसाई समुदाय के लोगों ने गांव के पुजारी समेत पुलिस जवानों की पिटाई की है।
बस्तर में लगातार धर्मांतरण हो रहा है। नारायणपुर के बाद बस्तर जिले में इस तरह की हिंसक घटना हुई है। भाजपा अब इस मामले को विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है।
मामले के बाद भाजपा ने 11 सदस्यीय जांच दल का गठन किया। इस जांच दल में छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, जगदलपुर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय समेत अन्य नेता शामिल हैं। यह टीम भेजरीपदर गांव पहुंची। जहां पहले से ही गांव के सैकड़ों ग्रामीण एक जगह एकत्रित थे।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री ने कहा कि, बस्तर में लगातार धर्मांतरण हो रहा है। जिसके कारण आदिवासी समाज में असंतोष है। भेजरीपदर समेत पूरे बस्तर में लगातार हिंसक घटनाएं हो रही है। ईसाई सामज के लोग आदिवासियों को पीट रहे हैं। पुलिस जवानों की भी पिटाई की जा रही है।
सरकार के दबाव में आकर प्रशासन ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। भेजरीपदर में भी ग्रामीणों के साथ मारपीट हुई है। उनकी तरफ से कोई भी मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, पीड़ित आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए हम यहां आए हैं। अब इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा।
गांव में हुई हिंसक घटना के बाद अब पूरे गांव में फोर्स को तैनात कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर जवान मुस्तैद हैं। पुलिस के आला अधिकारी गांव का दौरा कर रहे हैं। अब दोबारा गांव का माहौल न बिगड़े इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के भेजरीपदर गांव में रहने वाले एक परिवार ने कुछ साल पहले अपने मूल धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। अब जब इस परिवार की एक बुजुर्ग महिला की शनिवार को मौत हुई तो ग्रामीणों ने गांव में उसके शव को दफनाने नहीं दिया। शव दफनाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ता गया। जिससे शव को परिजन घर पर ही रखे थे। इधर, अगले दिन इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन के अफसरों और पुलिस को मिली। जिसके बाद सोमवार को जिला प्रशासन के अधिकारी और बस्तर जिले की ASP निवेदिता पॉल जवानों के साथ गांव पहुंची।
यहां दोनों पक्षों के बीच विवाद को शांत करवाया जा रहा था। लेकिन दोनों पक्षों के बीच विवाद और बढ़ गया। गांव वालों ने प्रशासन को जाने के लिए कहा था । इधर मृत महिला के परिजनों ने मृतिका के शव को पुलिस को सौंप दिया था। जब पुलिस ने शव दफनाने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई। भीड़ ने पुलिस जवानों के साथ ही धक्का-मुक्की की। पथराव किए। इस तनातनी के माहौल में करीब 4 से 5 पुलिस जवानों को चोट आई है। जिसके बाद जिला मुख्यालय से अतिरिक्त बल को भी मौके के लिए बुलाया गया। देर शाम तक प्रशासन की टीम गांव वालों को समझाइश देने में लगी रही। फिर बाद में शव को दफनाने दिया गया।