कबीरधाम विशेषकवर्धा की खास ख़बरें

कबीरधाम जिले में दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का हुआ आगाज, महोत्सव के पहले दिन देश-प्रदेश के नामचीन कलाकारों में अपने अलग-अलग विधाओं से महोत्सव का समां बांध दिया  

बैगा, ओडिसी नृत्य, पंडवानी के साथ स्कूली बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति

कवर्धा। सतपुड़ा पर्वत की मैकल पहाडी श्रृखलाओं से घिरे सुरम्यवादियों में स्थिति ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर के प्रांगण में वर्षो से आयोजित हो रहे भोरमदेव महोत्सव की परंपरा को कायम रखने जिला प्रशासन द्वारा दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्जवलित कर वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान भोरमदेव की पूजा अर्चना और छत्तीसगढ़ महतारी के तैल्यचित्र पर पुष्प अर्पित कर छत्तीसगढ़ की राजकीय गीत के साथ विधिवत शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर कबीरधाम जिले के प्रसिद्ध मंदिरों और आदिवासी बैगा समाज के पुजारी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर मंच पर बुढ़ा महादेव मंदिर के  मां दन्तेश्वरी मंदिर के पुजारी , मां चण्डी मंदिर के पुजारी खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी उपसथित रहे
कलेक्टर ने कहा कि भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक, पुरातात्विक, पर्यटन और जन आस्था के रूप में ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। इस मंदिर की ख्याति देश के अलग-अलग राज्यों तक फैली हुई है। यहां साल भर विदेशी, देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में आना होता है। बाबा भोरमदेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष होली के बाद कृष्णपक्ष के तेरस और चौदस को महोत्सव मानाने की यहां परम्परा रही है। साथ में सावन मास में मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है। यहां सावन माह में मेले का आयोजन भी होता है जिसमें देशी तथा घरेलु पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के रूप में शामिल होते है। कलेक्टर ने ऐतिहासिक महत्व स्थल भोरमदेव मंदिर की भव्यता और उसके महत्व को बनाए रखने के लिए राज्य शासन के पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी भी दी। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा महोत्सव के समस्त विशेष अतिथियों को प्रतीक चिन्ह, शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित भी किया।

भोरमदेव महोत्सव में पंडवानी, ओडिसी नृत्य सहित छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति

दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर रविवार की रात छत्तीसगढ़ के ख्याति प्राप्त कलाकारों और स्कूली बच्चों द्वारा रंग-बिरंगे पोशक में जहां छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं, लोक संस्कृति पर आधारित गीत एवं नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। भोरमदेव महोत्सव के पहले दिन कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के ग्राम बारपानी निवासी मोहतु बैगा एवं साथी के द्वारा बैगा नृत्य के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। इसके बाद जिले के स्कूली बच्चों ने सामुहिक नृत्य के साथ अपनी प्रस्तुति दी। बोडला के रजउ साहू छत्तीसगढ़ की लोकगीत एवं नृत्य की प्रस्तुति दी। रायपुर की पूर्णश्री राउत भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करती हुए ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति दी। देगी। इसके बाद भिलाई की ऋतु वर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ की पण्डवानी की प्रस्तुति दी। कोरबा के जाकिर हुसैन ने सुपर हिट गीतों की प्रस्तुति देकर मंच का शंमा बांधा। इसके बाद छत्तीसढ़ी लोकगीतों के गायन की प्रस्तुति देते हुए सुनील तिवारी ने अपने चीर परचीत अंदाज में छत्तीसगढ़ की संस्कृति सहित सुपर डुपर गानों की शानदार प्रस्तुति देकर महोत्सव का मान बढ़ाया। जिला प्रशासन द्वारा कलाकारों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित

किया गया।

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