कवर्धा: फारेस्ट विभाग और ठेकेदार के मिलीभगत से गुंडवक्ताहीन सी सी रोड निर्माण कार्य, सरकारी फंड का दुरुपयोग, शासन को लगा रहे लाखों का चुना

कवर्धा । वन मंत्री मोहहमद अकबर के क्षेत्र में वन विभाग में घटिया गुणवत्ताहिंन सी सी रोड का निर्माण कार्य किया जा रहा है । पूरा मामला कबीरघाम जिला अंतर्गत बोड़ला नगर पंचायत के वार्ड नं 10 बैगाटोला का हैं,फारेस्ट विभाग एजेंसी द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की नियत से सी सी सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है,लेकिन निर्माण कार्य प्राकलन के अनुसार नही किया गया है।
घटिया सामग्रियों के इस्तेमाल करने का आरोप वार्ड पार्षद व वार्डवासियो ने लगाया है. और वार्डवासियों ने यह भी बताया कि वन मंत्री से निवेदन करने के बाद सी सी रोड का आवागमन सुविधा के लिए स्वीकृति प्रदान की है,और फिर विभाग की मनमानी और ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में घोर लापरवाही के चलते घटिया निर्माण किया गया है,जगह जगह दरारे आ गई, पानी का छिड़काव नही किया है।
सूचना बोर्ड भी नही लगाया गया है क्यो –
घटिया किस्म का निर्माण– बोड़ला क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य के लोग निवास करते हैं, जिसके कारण शासन ने लाखों रुपए का स्वीकृति प्रदान किया लेकिन वन विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते भरस्टाचार का भेंट चढ़ गया। सी सी रोड का निर्माण जब शुरू किया गया था, तो बनते बनते ही कई जगह से टूटने लगा,नए सड़क पुराने और घटिया किस्म का दिखाई दे रही है , वन विभाग के आलाधिकारी आंखों में पट्टी बांधकर सोई हुई है,सीसी रोड की मोटाई 3 इंच और कहि 4 इंच बनाई गई,और 40 एम एम गिट्टी साथ ही कम मात्रा में सीमेंट का इस्तेमाल किया गया, और पानी नही डलने के कारण कई जगह क्रेक हो गया,कुल मिला कर देखा जाए तो रोड भ्रस्टाचार की भेँट चढ़ गई.
विभाग की जानकारी में घटिया निर्माण कार्य जिम्मेदार कौन?
ऐसे ठेकेदार के सिर पर हाथ DFO और रेंजर का हाथ हो तो कमीशन के चक्कर में घटिया निर्माण कार्य लाज़मी हैं.जबकि वन विभाग में निर्माण कार्य का मूल्यांकन व सत्यापन खुद रेंजर ही करता है अलग से विभाग में न इंजीनियर न सत्यापनकर्ता रहता है,अब देखना है कि बिल भुकतान किस मेजरमेंट के हिसाब से किया जाता है,या फिर विभाग द्वारा ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही ?
इस मामले में वन मण्डल जिला अधिकारी (DFO) से मोबाईल के माध्यम से कई बार सम्पर्क करने की कोशिश की गई, पर फोन उठना जरूरी नहीं समझे,ऐसा लगता है कि इन महोदय को सरकार के जनहितैषी कार्य के गुंडवक्ता से कोई सरोकार नहीं महज औपचारिकता निभाकर अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लेते हैं।