बिजली विभाग : गर्मी शुरू होते ही ओवरलोड से खराब हो रहे ट्रांसफार्मर, 5 घंटे तक बंद कर रहे बिजली
एक महीने बाद शुरू होने वाली गर्मी के दौरान बिजली सप्लाई की तैयारियों को लेकर विभाग के अफसर गंभीर नहीं है। इसके चलते शहर और गांवों में 75 लाख रुपए के कई तरह का काम अधूरे पड़े हैं। कहीं बिजली सप्लाई के लिए तार खींचना है तो कहीं ट्रांसफॉर्मर लगाया जाना है। फरवरी में ही कुछ गांव में ओवरलोड की स्थिति है तो कहीं लगातार ट्रांसफाॅर्मर के खराब होने की जानकारी सामने आ रही। वहीं शहरी इलाकों में बिजली गुल रहने से लाेग परेशान हैं।
खमतराई, बहतराई, मोपका के क्षेत्रों में स्थितियां ज्यादा बिगड़ रही जहां मेंटेनेंस फेल है। नेहरू नगर और तिफरा जोन में बिजली को लेकर कई तरह की समस्याएं हैं। हवा का एक झोंका बिजली गुल होने का कारण बन रहा। कभी पुराने तार आपस में टकराकर चिंगारी पैदा कर रहे तो कहीं ट्रांसफार्मर उड़ रहे।
शहर के गोलबाजार और दूसरे क्षेत्रों में हाल फिलहाल में काम शुरू हुआ है, लेकिन यहां ठेकेदार किस तरह से काम कर रहे हैं, विभागीय अफसर ये देखने भी नहीं जा रहे। बिजली विभाग ने शहर और गांवों में मेंटेेनेंस के लिए ही 75 लाख रुपए का काम दिया है, लेकिन यह भी ठीक तरह से चल रहा या नहीं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
काम नहीं हुआ तो होगी समस्या
शहर के लोग दो तरह से परेशानी झेल रहे। पहला बिजली बिल का अधिक आना और दूसरा लगातार बिजली गुल होने की। विभागीय अधिकारी बिजली उपभोक्ता को सिर्फ एक एसएमएस भेजकर मेंटेनेंस के नाम पर चार से पांच घंटे बिजली गुल कर रहे। कभी पेड़ों की टहनी तो कभी दूसरी चीजों की सफाई के नाम पर। फिर भी लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही। यह समस्या सिर्फ नेहरू नगर नहीं, तोरवा और तिफरा जोन में भी बनी हुई है।
अधिकारियों का ठेकेदारों पर नियंत्रण नहीं
बिजली विभाग के अधिकारियों का ठेकेदारों पर नियंत्रण नहीं है। गिनती के कुछ ठेकेदार बिजली विभाग का काम कर रहे और छोटे ठेकेदारों को अधिकारी काम नहीं दे रहे। यही वजह है कि कॉन्ट्रेक्टर अपने पसंद के क्षेत्र में काम ले रहा और बहाने कर काम से परहेज कर रहा। टेंडर के बाद भी कहीं ट्रांसफाॅर्मर लगाने जमीन में गड्ढे तो कहीं पानी भरने की बात सामने आ रही है।