स्कूल के बैंक खाते को डिजिटल लिंक पर हस्ताक्षर करने वाले खर्च कर छात्रों के बजट का 15 करोड़

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प्रकाशन तिथि: | रविवार, 01 जनवरी 2023 05:02 अपराह्न (IST)
रायपुर। स्टेट ब्यूरो। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में स्कूलों के बैंक खातों का डिजिटल हस्ताक्षर से लिंक के लिए आवेदन किया जा रहा है। समग्र शिक्षा के मौखिक आदेश पर छात्रों की सामान्य अनुदान राशि में से प्रति विद्यालय तीन-तीन हजार रुपये लेकर कुछ सीए के साथ मिलकर गड़बड़ी की जा रही है। इस पर अब तक लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, डिजिटल लिंक पर खर्च करने वाली राशि के लिए राज्य सरकार से किसी को भी अनुमति नहीं ली गई है।
छात्रों की सामान्य अनुदान राशि से चाक, डस्टर, स्वच्छता जैसे सामान्य काम किए जाते हैं, लेकिन इसका उपयोग दूसरे काम में किया जा रहा है। दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अब किसी भी राशि का भुगतान केंद्र के सार्वजनिक व्यवस्था प्रणाली (पीएफएमएस) पोर्टल के माध्यम से सीधे स्कूलों के बैंक खाते में करने का निर्णय लिया है। जब स्कूल के दो शिक्षकों के डिजिटल हस्ताक्षर हो जाते हैं तो इन बैंक खातों में राशि जा सकती है। अब तक प्रदेश के 45 हजार स्कूलों के बैंक खातों का डिजिटल लिंक से जोड़ा जा चुका है।
समग्र शिक्षा ने रोकी राशि इसलिए हड़बड़ाए स्कूल प्रबंधक
समग्र शिक्षा रायपुर की ओर से पिछले दिनों जारी किए गए आदेश स्कूलों को जारी किए गए शिक्षा सत्र 2022-23 की शाला अनुदान सहित सभी अन्य मदों की राशि का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से किया जा रहा है। समग्र शिक्षा ने 30 नवंबर 2022 के बाद बिना डिजिटल हस्ताक्षर वाले खाते से कोई भी राशि खर्च करने पर रोक लगा दी है। मिली जानकारी के अनुसार प्रधानपाठक अधिकारियों के दबाव में हस्ताक्षर डिजिटल अपलोड के नाम पर निजी फर्म को तीन-तीन हजार रुपये का भुगतान नगद कर रहे हैं। इस पूरे खेल में समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, ब्लाक व संकुल समन्वय और प्राथमिकपाठक शामिल हैं।
समग्र शिक्षा प्रबंधक नरेंद्र दुग्गा ने कहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर स्कूलों के बैंकों को डिजिटल हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए कोई अलग से फंड नहीं है। इसलिए स्कूल के ही फंड से खर्च किया जा रहा है। एक डिजिटल हस्ताक्षर के लिए 1400 रुपये खर्च होता है इसलिए दो हस्ताक्षर के लिए तीन हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
के द्वारा प्रकाशित किया गया: आशीष कुमार गुप्ता
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