कवर्धा

समस्या : कब सुधरेगी शहर की यातायात व्यवस्था…

कवर्धा. शहर में बढ़ते यातायात के दबाव के कारण सभी सड़कें संकरी लगने लगी हैं, जिनमें सबसे व्यस्त मार्ग की हालत तो और भी ज्यादा खराब है। इन सड़कों पर व्यापारियों का कब्जा होने के कारण मार्ग और भी ज्यादा संकरी हो चुकी हैं। स्थिति से निपटने के लिए अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है।

सड़कों पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ते ही जा रहा है। वाहनों की संख्या के अनुसार नगर की सड़कें अपर्याप्त हैं। ऐसी स्थिति में यातायात का दबाव बढऩा स्वाभाविक है। ऐसे में अगर सड़कों को ही घेर लिया जाए, तो मामला और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है। राहगीरों के लिए जगह और भी ज्यादा संकरा हो जाता है।

संकरे रास्ते में दुर्घटनाएं होना स्वाभाविक है। नगर की ऐसी स्थिति गुरुनानक गेट से लेकर ऋषभदेव चौक की है, जहां पर यातायात का दबाव सबसे ज्यादा है. जहां वाहन पार्किंग की की उचित व्यवस्था न होने से लोग वाहनों को सडकों में रख रहे जिसके कारण आवागमन में समस्या का सामना करना पर रहा है. यही हल नवीन बाजार का है जहां आए दिन ट्रैफिक जमा होता रहता है और लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है. शहर में यातायात व्यवस्था के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण बेतरतीब पार्किंग व्यवस्था है। यातायात विभाग द्वारा शहर के चौराहों पर तो चालान काटे जा रहे हैं लेकिन शहर की भीतरी व्यवस्था को लेकर कोई सजग नहीं है। शहर में पार्किंग को लेकर यह स्थिति है कि कोई भी अपना वाहन कहीं भी खड़ा कर दे लेकिन उसे पूछने वाला कोई नहीं है।

आमजनमें अब यह सवाल पैदा हो गया है कि कवर्धा में बिगड़ी यातायात व्यवस्था आखिर कब सुधरेगी। साथ ही ट्रैफिक विभाग सिर्फ चालान काटने पर ध्यान नहीं देकर शहर की मूल यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए कब सक्रिय होगा।

ट्रेफिक कर्मियों द्वारा यातायात सुधारने के नाम पर चौराहों पर बिना हेलमेट के चालान ही काटकर यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की इतिश्री कर ली जाती है। जबकि शहर के मुख्य बाजार में बेतरतीब खड़े वाहन मुख्य बाजार की संकड़ी सड़कों पर थ्री व्हीलर पर कोई लगाम नहीं कसी जा रही है। जिससे शहर में बदहाल यातायात व्यवस्था से हर कोई परेशान हो गया है। शहर में वाहन खड़े करने को लेकर यह स्थिति है कि वाहन कहीं भी खड़ा कर दो उसे पूछने वाला काेई नहीं है।

हालांकि मार्ग को वन-वे घोषित किया गया है, लेकिन इसके बाद भी यातायात का दबाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसका एक मुख्य कारण सड़कों पर व्यापारियों का कब्जा है। दुकान के अलावा सड़क पर सीढिय़ां और चबुतरा बना दिया गया है। बचे हुए स्थान पर ग्राहकोंके वाहन खड़े रहते हैं। इसके बाद बचे हुए मार्ग का उपयोग राहगीर कर रहे हैं।

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