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गुलमर्ग में विरावर को नौकरी मिली हुई थी।
– फोटो : अमर उजाला
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नए साल से ठीक तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में बारिश के साथ अनुसूचित पर्वतीय क्षेत्रों में नौकरी हुई। श्रीनगर में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। कोहरे के कारण आने वाली सात ट्रेनें देरी से पहुंचती हैं। कटड़ा-सांझीछत में भी विशेष सेवा दिवस भर प्रभावित रही।
बदलाव से आम जनजीवन पर असर पड़ा
मौसम में आया बदलाव से आम जनजीवन पर असर पड़ा है। जिला राजौरी-पुंछ को शोपियां से जोड़ने वाले मुगल रोड पर प्रवेश के कारण यातायात बंद कर दिया गया है। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग, साधना पास, राजधान पास, मार्गन टॉप आदि पर भी यातायात रोक दिया गया है।
प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश और प्रविष्टियां
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश और निगरानी होगी। कश्मीर घाटी में प्रचंड शीतलहर के बीच विश्वविख्यात पर्यटन स्थल गुलमर्ग के अलावा टंगमर्ग, सोनमर्ग, जोजिला पास, राजधान टॉप, गुरेज, मच्छिल, पहलगाम, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में वीरवार को दोपहर बाद नामांकन शुरू हुआ।
श्रीनगर में शाम होने के बाद
श्रीनगर में शाम होने के बाद शुरू हुई। दूसरी ओर जम्मू सहित मैदानी क्षेत्र में सुबह से छाले और छिटपुट बारिश हुई, जम्मू शहर में रात के समय ठीक ठाक बारिश दर्ज की गई। इसके कारण सर्दियां, उधमपुर सहित जिले के इलाके में बारिश हुई है।
राजोरी और पुंछ के मैदानी इलाकों में बारिश
जिला राजोरी और पुंछ के इलाके इलाके में बारिश के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में नामांकित हुई है। जिला उधमपुर के पर्यटन स्थल नत्थाटॉप में हिमपात हैं, जबकि पटनीटॉप में भी हिमपात की संभावना बनी हुई है। जिला रियासी में भागाबांदी हुई। श्री माता वैष्णो देवी की त्रिकुटा डेस्कटॉप पर दिन भर धुंधली छाई रही।
कठुआ के मैदानी इलाकों में भी बारिश
जिला कठुआ के बनी-बिलावर के पर्वतीय क्षेत्र में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। कठुआ के मैदानी इलाकों में भी बारिश हुई है। जम्मू में अधिकतम तापमान से गिरकर 15.0 और न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बटोत में न्यूनतम तापमान 2.1, कटड़ा में 7.6 और भद्रवाह में 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
न्यूनतम तापमान (डिग्री से.)
लेह -12.6
कारगिल -10.8
गुलमर्ग -4.8
पहलगाम – 4.5
श्रीनगर -3.2
काजीकुंड -3.2
कुपवाड़ा -3.3
कोकरनाग -2.3
बनिहाल -0.2
घाटी में चिल्लेकलां, 40 दिनों तक रहेगा ठंड का प्रकोप
कश्मीर घाटी 40 दिनों तक चलने वाले चिल्लेकलां की चपेट में है, जिसमें लक्ष्य की संभावना सबसे अधिक होती है। यह सीजन 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलता है। इसके बाद 20 दिनों का चिल्लेखुर्द (कम ठंड), और फिर 10 दिनों का चिल्लेबाछा (बहुत कम ठंड) का दौर आता है।
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