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वृद्ध कृष्णश्रम में पंडित धीरेचंद्र शास्त्री
– फोटो : अमर उजाला
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दमोह के होमगार्ड मैदान पर बागेश्वर धामीधीश्वर पंडित धीरेचंद्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा का चलन चल रहा है। गुरुवार को कथा के होने के बाद रात में कथा आयुक्त अजय टंडन शास्त्री लाइव एज एज लेकर पहुंचे, जहां वृद्धजनों ने उनसे मुलाकात की और अपने बेटे की तरह दुलारा। यहां पंडित धीरेचंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी वृद्धजनों की आरती श्रेणी में उन्हें पहनावा तिलक लगाया और पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान वृद्धों ने अपनी बलैयां लीं, गैल फीड, और एक बेटे की तरह दिल खोलकर प्यार किया। इसके बाद धीरे-धीरे शास्त्री ने सभी वृद्धजनों को कंबल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। महिलाओं को भी साड़ियां एवं कंबली खिलाया गया।
धीरेचंद्र शास्त्री ने बताया कि वह ना तो कोई साधु है ना संत हैं ना ही कोई चमत्कार हैं, वह एक साधारण व्यक्ति हैं। वृद्धजनों की ओर से इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में उन्हें निश्चित रूप से ऊंचा उठना चाहिए, जिनके साथ कोई भी खड़ा नहीं होता। अमीरों के साथ तो लाखों गुरु, लाखों नेता, अभिनेता, हजारों दोस्त रोमांटिक हो जाते हैं, लेकिन जो बिछड़े हुए होते हैं, उनके साथ कोई नहीं होता। हमें ऐसे व्यक्ति का साथ देना चाहिए।
वे वृद्धावस्था में रहने वाले वृद्धजनों को देखने के बाद कहते हैं कि भारत का दुर्भाग्य है और नौकरी करने वालों से उनके पुत्रों का दुर्भाग्य है जो उनके माता-पिता को वृद्धों में रहने के लिए भेजते हैं। उन्होंने कहा कि जिनके माता-पिता वृद्धाश्रम में रहते हैं, ऐसे पुत्रों को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए। ऐसे बेटों को जन्म ना दे तो अच्छा है। जो वृद्धावस्था में अपने माता-पिता को छोड़ना छोड़ देते हैं। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि वृद्ध वृद्धों में माता-पिता को नहीं, बल्कि पुत्रों को उनके साथ रखा जाना चाहिए। शुक्रवार को सभी वृद्धों को विशेष वाहन से कथा पंडाल में लाकर उन्हें भगवान श्री राम की कथा श्रवण कराया जाएगा।
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