किसानों को राहत: सरकार ने किया किसानो के लिए बड़ी घोषणा…
किसानों को इस साल रबी सीजन के लिए एनपीके (नाइट्रोजन- फास्फोरस- पोटास) खाद की बोरी पिछले साल से 50 रुपए सस्ती मिलेगी। राज्य सरकार और रासायनिक खाद आपूर्तिकर्ताओं (सप्लायर्स) के बीच निगोसिएशन बैठक के बाद यह नई दर तय हुई। इसके साथ ही किसानों के लिए नई दरों की घोषणा भी हो गई है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति और रासायनिक उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं के बीच एक वर्चुअल निगोसिएशन बैठक हुई। बैठक में रबी सीजन के लिए रासायनिक खाद की दरों का निर्धारण कर दिया गया। राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये डीएपी खाद की कीमत 1350 रुपए प्रति बोरी तय किया है।
एनपीके के लिए 1350 रुपए प्रति बोरी, एसएसपी पाउडर के लिए 494 रुपए प्रति बोरी, एसएसपी दानेदार के लिए 635 रुपए प्रति बोरी और जिंकटेड एसएसपी पाउडर के लिए 514 रुपए प्रति बोरी का अधिकतम खुदरा मूल्य तय किया है। इसमें केवल एनपीके की कीमत 1400 रुपए से घटाकर 1350 रुपए हुआ है।
शेष सभी खादों का दाम पिछली बार जितना ही है। बताया गया कि नीम कोटेड यूरिया खाद की दर केंद्र सरकार ने ही निर्धारित कर रखी है। यह खाद 266.50 रुपए प्रति बोरी की दर से किसानों के लिए उपलब्ध होगी। वर्तमान में कबीरधाम जिले में धान कटाई का कार्य जारी है। धान के फसल बाद किसान रबी फसल लेते हैं।
जिले में इस बार चना, गन्ना व गेहूं फसल को लेकर किसान तैयारी कर रहे है। इन फसलों के लिए किसानों को खाद की जरूरत होती है। इस साल रबी सीजन के लिए निर्धारित फसल बुआई के ग्रीष्मकालीन धान के रकबे का लक्ष्य शून्य कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा रबी में ग्रीष्मकालीन धान की बोनी को कम करने तथा अन्य फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया गया है।
जिले में इस साल करीब एक लाख से अधिक हेक्टेयर में रबी की फसल लगाने की योजना बनाए हैं। इसमें दलहन, तिलहन समेत अन्य फसलों की बुआई प्रस्तावित है। वैसे जिले के अब तक कुछ जगहों में रबी फसलों की बुआई हो चुकी है। कबीरधाम कृषि प्रधान जिला है। मैदानी हिस्सों में 12 माह कृषि की जाती है। सहसपुर लोहारा व पंडरिया ब्लॉक में धान व गन्ने के बाद सबसे ज्यादा उद्यानिकी की भी फसल ली जाती है। इन फसलों को लेकर किसान तैयारी में लगे हुए है।
शासन का लक्ष्य किसानों का सशक्तिकरण और खेती को मजबूत बनाना है। किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए राज्य में धान के साथ-साथ अन्य व्यावसायिक फसलों की खेती को लेकर बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने और रबी सीजन में बीज-उर्वरक की वितरण की पुख्ता व्यवस्था करने के भी निर्देश शासन ने दिए है।कृषि उत्पादन आयुक्त ने उर्वरकों की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाने को कहा। उन्होंने प्रमाणीकृत जैविक खेती पर जोर दिया। साथ ही निर्देश दिए कि फसल कटाई प्रयोग का गलत आंकड़ा प्रविष्ट न किया जाए। रबी के लिए किसानों को बीज और उर्वरक वितरण का कार्य तेजी से करने को कहा।