मां की ताकत के आगे सांप ने भी मानी हार:

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में एक फीमेल डॉग अपने 3 बच्चों की जान बचाने के लिए जहरीले सांप से लड़ने लगी। मरवाही थाना परिसर में स्थित एक पुराने भवन में फीमेल डॉग ने कुछ दिनों पहले ही 3 बच्चों को जन्म दिया है। जिसने भी उस नई नवेली मां का ये रूप देखा, वो हैरान रह गया। सबने यही कहा कि ‘मां तो मां ही होती है।
आसपास के लोगों ने बताया कि फीमेल डॉग अपने 3 बच्चों को एक जगह पर छोड़कर आसपास ही खाना ढूंढ रही थी, तभी उसने नाग के फुफकारने की आवाज सुनी। उस नई नवेली मां के कान खड़े हो गए। अपने बच्चों के पास इतने लंबे जहरीले नाग को देख वो बिल्कुल भी नहीं घबराई, बल्कि ठीक उसके सामने आकर खड़ी हो गई। वो लगातार सांप पर भौंक रही थी। इधर नाग ने भी उस पर हमला करने की कोशिश की।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डॉग और सांप दोनों आपस में भिड़े भी, लेकिन मां नाग पर भी भारी पड़ गई। इतनी जोर से कुत्ते का भौंकना सुनकर आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए थे। वे एक मां को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए नाग से भिड़ता हुआ देख दंग रह गए। कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया। उधर बाद में नाग डरकर पुराने भवन की एक चौड़ी दरार में घुस गया, वहीं फीमेल डॉग अपने बच्चों के आसपास ही लगातार बनी रही।
लोगों ने डॉगी मां और उसके तीनों बच्चों को खाना और पानी दिया। उन्हें देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। कुछ लोगों ने ये भी कहा कि वे उन बच्चों को उसकी मां समेत वहां से सुरक्षित जगह ले जाकर रख देंगे, जहां जानवरों या जहरीले जीवों का खतरा नहीं हो। लोगों ने कहा कि करीब 20 मिनट तक अपने बच्चों को बचाने के लिए फीमेल डॉग नाग से संघर्ष करती रही। मरवाही थाने के पुलिसकर्मी भी लोगों की भीड़ को देखकर वहां आ गए थे। एक जानवर मां का अपने छोटे-छोटे बच्चों के लिए ये प्रेम देखकर सभी हैरान रह गए।
इसी साल अगस्त में कोरबा जिले के रामपुर में जूते के रैक में छिपे कोबरा सांप से घर की पालतू बिल्ली ने आगाह किया था और घरवालों की जान बचा ली थी। कोबरा राजेश बरवे नाम के शख्स के घर में घुस गया था और जूते-चप्पल की रैक में छिपकर बैठा था। घर की बिल्ली ने उसके फुफकारने की आवाज सुनी और बार-बार मालिक के पास जाकर और उनके कपड़ों को मुंह से खींचकर मौके पर लेकर आई थी।
उनकी पालतू बिल्ली लगातार जूते-चप्पल के रैक के पास खड़ी थी। बिल्ली की हरकतों को घर के लोगों ने नोटिस कर वहां ध्यान से आवाज सुनने की कोशिश की, तो फुफकारने की आवाज सुनकर तुरंत समझ गए कि घर में सांप घुस गया है। आवाज को सुनकर समझ गए कि यहां सांप घुसा है। जिसके बाद घरवालों ने तुरंत स्नेक कैचर जितेंद्र सारथी को फोन करके बुलाया। जितेंद्र सारथी ने सांप को रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ दिया था।
इससे पहले मई 2021 में भी भिलाई में दो पालतू कुत्तों ने सांप से अपने मालिक की रक्षा की थी। भिलाई के ब्रह्मपुरी नेवई भाठा निवासी महेश गेंड्रे के घर में एक नाग घुस आया था। फन फैलाए तैयार वो किसी को नुकसान पहुंचाता कि इसी बीच घर के दो पालतू कुत्ते पंचूराम और बुजोरानी ने जोर-जोर से भौंकना शुरू कर दिया था। अपने पालतू कुत्तों की आवाज सुनकर घर के सदस्य उठ गए और उनकी नजर फन फैलाकर बैठे नाग पर पड़ गई थी। बाद में स्नेक कैचर ने सांप का रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ दिया था। दोनों कुत्ते रस्सी से बंधे हुए थे, इसके बावजूद उन्होंने भौंककर घरवालों को सतर्क कर दिया था।
कुत्तों की वफादारी की तुलना नहीं की जा सकती है। कुत्ते अपने मालिक की जान बचाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अभी 2 दिन पहले भी कांकेर जिले के ग्राम लाल माटवाड़ा में एक फीमेल डॉग ‘डेजी’ ने अपने मालिक की जान भालू से बचा ली थी। गांव में रहने वाले रोशन साहू के घर 8 नवंबर को भालू घुस गया था। भालू रोशन साहू के ठीक सामने आकर खड़ा हो गया था और हमला करने को तैयार था, लेकिन तभी उसकी फीमेल डॉग डेजी वहां पहुंच गई और उसने मालिक पर आए खतरे को भांप लिया।
वो जोर-जोर से भौंकने लगी और भालू के ठीक सामने आ गई थी। डेजी ने भालू पर आक्रमण कर दिया और उसे दौड़ाने लगी। शुरू में तो भालू ने भी रुककर डेजी पर हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन डेजी की हिम्मत के आगे आखिरकार वो भागने पर मजबूर हो गया