वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस के माध्यम से लोगों को किया जा रहा है जागरूक

बिलासपुर। आयोडीन की कमी से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य गत समस्याएं होती हैं और बच्चों के विकास पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। इससे बचने के लिए आयोडीन युक्त नमक का उपयोग करना चाहिए। “वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस” के अवसर पर इसकी जानकारी लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही 27 अक्टूबर तक आयोडीन अल्पता से होने वाली बीमारियों से बचाव के संबंध में जन-जागरूकता के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित भी होंगे। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले लोगों को आयोडीन की कमीं से होने वाले घेंघा रोग ( गलसुआ या गोइटर) के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान घेंघा रोग के लक्षण, कारण तथा निवारण के बारे में बताते हुए आयोडीन युक्त नमक खाने के लिए उनको प्रेरित किया गया। स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चे को लेकर पहुंची सुनीता यादव ने बताया: “मुझे घेंघा रोग के बारे में जानकारी नहीं थी। ग्रामीण इलाके में इसको गलसुआ कहते हैं। यह बीमारी है यहां आकर पता चला। अब मैं घर में और आसपास के लोगों को भी आयोडीन युक्त नमक खाने के फायदे के बारे में बताऊंगी।” वहीं 45 वर्षीय राधेश्याम साहू ने कहा “नमक की कमीं से बीमारी भी हो सकती है यहां आकर इसकी जानकारी मिली। टीवी में आयोडीन युक्त नमक का विज्ञापन मैंने जरूर देखा था, मगर घेंघा बीमारी से बचाव के लिए उस नमक को खाना चाहिए इसलिए विज्ञापन दिखाते हैं यह नहीं पता था। अब तो मैं भी लोगों को इस बारे में जागरूक करूंगा।”