कांकेर जिला (उत्तर बस्तर)छत्तीसगढ़ स्पेशल

अपने प्यार के लिए नक्सली महिला ने किया पुलिस के सामने सरेंडर

कांकेर।  आज हम आपको ऐसी ही महिला नक्सली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने कई सालों तक हिंसा के रास्ते पर अपने कदम बढ़ाये, लेकिन एक मोड़ पर प्यार के आगे हार गई। कांकेर जिले के अंतागढ़ छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से नक्सली उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत महिला नक्सली बुज्जी उर्फ जननी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। बुज्जी पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने पर महिला नक्सली को 10 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया है। कांकेर पुलिस के मुताबिक इस महिला का पति भी नक्सली था ,जिसने 27 सितंबर को माओवादियों का साथ छोड़ दिया था। यह महिला नक्सली 2012 में नक्सलियों के बीजापुर के मद्देड़ एरिया में भर्ती हुई थी। इन 12 सालों मे उसने रावघाट एरिया कमेटी समेत कई अन्य नक्सल कंपनियों में काम किया। महिला नक्सली ने इस दौरान कई वारदातों को अंजाम दिया। एक दशक तक नक्सलियों के साथ नरसंहार करने वाली यह महिला को तब अपनी गलती का एहसास हुआ,जब उससे उसका प्यार दूर हो गया।

बीते कुछ सालों में छत्तीसगढ़ पुलिस को माओवादियों के खिलाफ बड़ी सफलताएं मिल रही हैं। जहां एक तरफ जंगलो में माओवादियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन चल रहे हैं, वही नक्सली लोन वर्राटू अभियान के माध्यम से आत्मसमर्पण भी किये जा रहे हैं। लोन वर्राटू बस्तर में बोले जाने वाली गोंडी भाषा का एक शब्द है। इसका मतलब होता है ‘घर वापस आइए’ .बस्तर पुलिस अपने इसी अभियान से भटक चुके ग्रामीणों से जोड़कर मुख्यधारा में वापस आने के लिए प्रेरित कर रही है।

 

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