कंडोम की डिमांड बढ़ी, पुरुष नसबंदी को लेकर भी जागरूक हो रहे लोग

रायपुर। परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में लोगों में जागरूकता का प्रसार करने सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार पहल की जा रही है। परिवार नियोजन से जुड़ी भ्रांतियों को भी दूर किया जाना जरूरी है। परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है। परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थाई साधन नसबंदी को अपनाकर पुरूष अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं। राज्य में पुरूष नसबंदी की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2826 पुरुषों ने नसबंदी करवाई है। वहीं 2021-22 में 4429 पुरुषों ने नसबंदी करवाई। प्रदेश में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अपनाने वाले पुरूषों की संख्या भी बढ़ रही है। वर्ष 2020-21 में 50 लाख 87 हजार कंडोम का उपयोग हुआ जो 2021-22 में बढ़कर 57 लाख 35 हजार तक पहुंच गई है। परिवार कल्याण के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर ने बताया कि नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए दिया जाता है जो उसके बैंक खाते में जमा होता है। नसबंदी के लिए चार पात्रताएं प्रमुख हैं – पुरुष विवाहित होना चाहिए, उसकी आयु 60 वर्ष या उससे कम हो और दंपति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति या पत्नी में से किसी एक की ही नसबंदी होती है। कोई अशासकीय सेवक, मितानिन, एएनएम या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यदि पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरक की भूमिका निभाते हैं तो उन्हें भी 400 रुपए देने का प्रावधान है।